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विजयपुर और बुधनी उपचुनाव की मतगणना से पहले EC पहुंची कांग्रेस, कहा-मानी जाए 11 मांगें

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भोपाल

मध्य प्रदेश की विजयपुर और बुधनी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना के लिए अब तैयारियां पूरी हो चुकी है. सबकी नजरें दोनों सीटों के नतीजों पर टिकी हैं. निर्वाचन आयोग ने दोनों जिलों का दौरा कर यहां की तैयारियों का जायजा लिया है. बताया जा रहा है कि राउंडवार गणना के आधार पर बुधनी विधानसभा सीट का नतीजा सबसे पहले आएगा, वहीं विजयपुर के नतीजे के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. 23 नवंबर को सुबह 8 बजे से मतगणना की तैयारियां शुरू हो जाएगी.

बुधनी में 14 और विजयपुर में 16 टेबल लगेगी

विजयपुर विधानसभा सीट की मतगणना के लिए 16 टेबल लगाई जाएगी जबकि बुधनी विधानसभा सीट के लिए 14 टेबल्स लगेगी. दरअसल, विजयपुर विधानसभा सीट पर 327 मतदान केंद्रों की मतगणना होगी जो 21 राउंड में पूरी की जाएगी. वहीं बुधनी विधानसभा सीट पर शासकीय महिला पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सीहोर में मतगणना की जाएगी. यहां के 363 मतदान केंद्रों में 14-14 टेबल लगाई जाएंगी. इस तरह दोनों राउंड की मतगणना यहां पर पूरी होगी.

सुरक्षा व्यवस्था पूरी

विजयपुर विधानसभा सीट पर वोटिंग के दौरान उपद्रव की खबरें भी सामने आई थी. ऐसे में दोनों सीटों पर मतगणना के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से टाइट रहेगी. मतगणना स्थल पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा होगी. जबकि किसी भी तरह के व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं रहेगी. इसके अलावा मतगणना कर्मियों का तीन लेवल पर रेंडमाईजेशन होगा. हर राउंड के बाद केवल माइक्रो ऑर्ब्जवर जानकारी देगा. मतगणना एजेंट को भी टेबल के पास कुछ भी अंदर नहीं ले जाने की अनुमति रहेगी.

बीजेपी कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर

दरअसल, दोनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत लगाई है. क्योंकि दोनों सीटों पर बीजेपी कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है. विजयपुर में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते रामनिवास रावत बीजेपी में चले गए थे, वह बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव लड़े हैं, रावत मोहन सरकार में मंत्री भी हैं. ऐसे में बीजेपी ने यहां पूरा जोर लगाया है. वहीं विजयपुर में कांग्रेस ने मुकेश मल्होत्रा को उतारा था, बुधनी में पूर्व सीएम के सांसद बनने के बाद यहां बीजेपी ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को चुनाव लड़ाया था. कांग्रेस ने उनके सामने पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को चुनाव लड़वाया था. जिससे यहां भी मुकाबला दिलचस्प दिखा है. 

 वहीं रिजल्ट से पहले कांग्रेस एक बार फिर से चुनाव आयोग पहुंची है. पार्टी ने बीजेपी की शिकायत करते हुए 11 सूत्रीय मांगों का पत्र मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपा है. कांग्रेस का आरोप है कि मतगणना के दौरान बीजेपी असामाजिक तत्वों को काउंटिंग स्थल ले जाएगी और कांग्रेस के एजेंट्स पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का काम करती है. जबकि मौके पर मौजूद अधिकारी भी बीजेपी का पक्ष लेते नजर आते हैं, ऐसे में चुनाव आयोग को तुरंत ही इस तरह की स्थिति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

कांग्रेस प्रत्याशियों को दिखाया जाए स्ट्रांग रूम

कांग्रेस के चुनाव आयोग प्रदेश प्रभारी जेपी धनोपिया ने चुनाव आयोग ने पूरे मामले की शिकायत की है. उन्होंने बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर मतगणना के दौरान गड़बड़ी करने की आशंका भी जताई है. कांग्रेस का कहना है कि मतगणना से पहले कांग्रेस के प्रत्याशियों को स्ट्रांग रूम से लेकर ईवीएम काउंटिंग तक की पूरी व्यवस्था को दिखाया जाना चाहिए. जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों को पूरी स्थिति का जायजा लिया जाने देना चाहिए. जबकि ईवीएम ले जाने की पूरी प्रक्रिया को भी दिखाया जाए और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जानी चाहिए. ताकि मतगणना पूरी तरह से निष्पक्ष हो सके.

हर राउंड के बाद प्रमाण पत्र मिले

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि हर राउंड की काउंटिंग के बाद प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र मिलना चाहिए. जब तक दोनों तरफ से प्रमाण पत्र पर सहमति न हो तब तक दूसरे राउंड की काउंटिंग शुरू नहीं होनी चाहिए. ईवीएम काउंटिंग में आने वाली वीवीपैट स्लिप की काउंटिंग भी हर हाल में कराई जानी चाहिए. जबकि मतगणना स्थल पर इंटरनेट का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंध रहना चाहिए. कांग्रेस ने ऐसी ही कुछ 11 मांगों का पत्र चुनाव आयोग को सौंपा है. इससे पहले भी कांग्रेस ने चुनाव आयोग में लगातार बीजेपी की शिकायतें की हैं.

23 नवंबर को आएंगे नतीजे

बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस विजयपुर और बुधनी उपचुनाव से पहले एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं. दोनों विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर यानि कल आने वाले हैं. बुधनी में बीजेपी ने रमाकांत भार्गव तो कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को प्रत्याशी बनाया था. वहीं विजयपुर में बीजेपी ने रामनिवास रावत तो कांग्रेस ने मुकेश मल्होत्रा को प्रत्याशी बनाया था.