Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

15 सितंबर से 20 नवंबर तक राज्य में पराली जलाने की 12,639 घटनाएं हुई हैं, जो पिछले साल की तुलना में 15% अधिक

16
Tour And Travels

भोपाल
 मध्य प्रदेश में इस साल धान की पराली जलाने के मामले पिछले साल के मुकाबले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। CREAMS के आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर से 20 नवंबर के बीच राज्य में पराली जलाने की 12,639 घटनाएं हुई हैं, जो पिछले साल की तुलना में 15% अधिक है।

यह चिंता का विषय है क्योंकि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। पिछले साल इसी अवधि में मध्य प्रदेश में पराली जलाने की 10,959 घटनाएं हुई थीं। वहीं पंजाब में यह संख्या घटकर 10,104 रह गई। यानी इस मामले में मध्य प्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है।

किसानों को किया जाएगा जागरूक

राज्य के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बुधवार को कलेक्टरों, कमिश्नरों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वायु गुणवत्ता समीक्षा बैठक की। इस दौरान कृषि विभाग ने बताया कि उसके पास पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए एक कार्य योजना है। इसके तहत लगभग 400 गांवों में किसानों को जागरूक किया जाएगा और विशेष कृषि उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विस्तृत तैयारी

जैन ने उन स्थानों की सूक्ष्म-मानचित्रण करने का आदेश दिया जहां अतीत में पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि इन स्थानों को कार्य योजना में शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने को कहा।

एनसीएपी के सात शहर

उन्होंने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम ( एनसीएपी) के तहत आने वाले सभी बिंदुओं को लागू करने का आदेश दिया। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, देवास और सागर- ये सात शहर एनसीएपी के अंतर्गत आते हैं। बैठक में जैन ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के सभी कार्य बिंदुओं को लागू किया जाना चाहिए।