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पाकिस्तान में 24 घंटे में 18 सैनिकों की मौत, दहशत में आम लोग, एक बार फिर दहला पाकिस्तान

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पेशावर
पड़ोसी देश पाकिस्तान एक बार फिर आत्मघाती हमलों से दहल उठा है। वहां के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को संयुक्त जांच चौकी से टकरा दिया, जिससे 12 सुरक्षाकर्मी मारे गए। सेना ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके बाद हुई मुठभेड़ में छह आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। पाक सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने कहा कि आतंकवादियों ने मंगलवार देर रात बन्नू जिले के मालीखेल क्षेत्र में एक संयुक्त जांच चौकी पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने चौकी में घुसने के उनके प्रयास को प्रभावी ढंग से विफल कर दिया।

मिडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों के आत्मघाती विस्फोट के कारण दीवार का एक हिस्सा ढह गया और आसपास के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा, जिसके कारण सुरक्षा बलों के 10 सैनिकों और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो जवान सहित 12 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। फौज ने कहा कि इसके बाद हुई गोलीबारी में छह आतंकवादी भी मारे गए। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हाफ़िज़ गुल बहादुर सशस्त्र समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पिछले 24 घंटे में अब तक 18 सैनिकों की मौत से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। लगातार हो रहे हमलों से लोगों में दहशत का माहौल है।

यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब एक दिन पहले ही देश के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने मंगलवार को बलूचिस्तान में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ “व्यापक सैन्य अभियान” को मंजूरी दी है। सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कहा कि वे आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ हैं। पूरे देश में, खासकर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में, पिछले वर्ष आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में तीव्र वृद्धि देखी गई है।

जिस बन्नू जिले में यह वारदात हुई है, वहां हाल ही में उग्रवादी और आतंकी हिंसा में वृद्धि देखी गई है। इसमें पुलिसकर्मियों का अपहरण, लड़कियों के स्कूल पर हमला और गोलीबारी शामिल है । एक प्रेस विज्ञप्ति में, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने कहा कि 19 नवंबर (मंगलवार) को, “ख्वारिज ने बन्नू जिले के सामान्य क्षेत्र मालीखेल में एक संयुक्त चेकपोस्ट पर हमला करने का प्रयास किया”।

जुलाई में, पाक सरकार ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को फ़ितना अल ख़वारिज नाम दिया था, और सभी संस्थाओं को पाकिस्तान पर आतंकवादी हमलों का उल्लेख करते समय ख़ारिजी (बहिष्कृत) शब्द का उपयोग करने का आदेश दिया। ISPR के बयान में कहा गया है कि पुलिस चौकी में घुसने के प्रयास को हमारे अपने सैनिकों ने विफल कर दिया, जिसके कारण ख़्वारिज ने विस्फोटकों से लदे वाहन को चौकी की दीवार से टकरा दिया।