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राजस्थान-केकड़ी में डॉक्टर ने की 6 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग

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केकड़ी.

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण का अधिकारी बनकर केकड़ी में एक चिकित्सक से लाखों रुपये ऐंठने की कोशिश किये जाने का मामला सामने आया है। राजकीय जिला अस्पताल के पूर्व पीएमओ डॉ. जे एल मेघवाल एक साइबर फ्रॉड का शिकार होते होते बच गए। चिकित्सक जे एल मेघवाल ने इस सम्बंध में केकड़ी सिटी पुलिस को जानकारी दी है।

इस संबंध में राजकीय जिला अस्पताल के पूर्व पीएमओ डॉ. जे. एल. मेघवाल ने केकड़ी सीटी थानाधिकारी को बताया कि उनके पास एक फोन आया, जिसमें कॉलर ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके आधार कार्ड से मुम्बई में एक बैंक खाता खुला हुआ है, जिसमें मनीलॉन्ड्रिंग का पैसा ट्रांसफर हुआ है।

राशि ट्रांसफर करो, नहीं तो फंस जाओगे
इसके बाद कॉलर ने डॉ. मेघवाल से उनके बैंक खातों की जानकारी ली। फिर कथित तौर पर एक सीबीआई ऑफिसर को कॉल ट्रांसफर कर उनकी बात कराई। यह भी कहा कि आपके बैंक खातों की सारी राशि आरबीआई को ट्रांसफर करवाई जाएगी। कथित अधिकारी ने उन्हें एक खाता नंबर दिया और उन पर दबाव बनाते हुए उनके खाते में जितनी भी राशि जमा है वह दिए गए खाता नंबर में ट्रांसफर करने की बात कही। दबाव बनाने के लिए चिकित्सक को कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट के दस्तावेज भी भेजे गए। आरबीआई के नाम पर रुपये जमा करवाने के लिए डाला गया खाता नंबर चिकित्सक द्वारा गौर करने पर आरबीआई का ना होकर किसी अन्य प्राइवेट बैंक का नजर आया। डॉ. मेघवाल को शंका हुई और उन्होंने राशि ट्रांसफर नहीं की। इस पर कॉलर ने उन पर दबाव डाला कि राशि ट्रांसफर करो, नहीं तो फंस जाओगे।

अकाउंट से 6 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन
जब डॉ. मेघवाल ने उनसे कहा कि मुंबई में उनका कोई खाता ही नहीं है। इस पर कॉलर ने कहा कि आपके आधार कार्ड से सिम अलॉट हुई है, जिसका इस्तेमाल करने वाले ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में भूमिका निभाई है। उसने कहा कि इस संबंध में मुंबई के अंधेरी थाने में केस भी दर्ज हुआ है। कॉलर ने फोन पर उन्हें अंधेरी पुलिस थाने आने की बात कही और कहा कि आपकी वीडियो रिकार्डिंग कर केस सीबीआई को भेजा जाएगा। आधार कार्ड के बेस पर मुंबई में खाता खुला हुआ है। इस अकाउंट से 6 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। उसने कहा कि मनीलॉन्ड्रिंग केस में उनके समेत 53 आरोपी हैं। मुख्य आरोपी ने उन्हें 10 प्रतिशत कमीशन दिया है। कॉलर ने यह भी कहा गया कि मुख्य आरोपी आपके बच्चे को किडनैप कर सकता है।

डॉक्टर ने दिखाई सजगता
डॉ. मेघवाल ने बताया कि शंका होने पर उन्होंने राशि ट्रांसफर नहीं की और फोन काट दिया। उसके बाद उन्होंने सिटी थाने पहुंचकर थाना प्रभारी कुसुमलता मीणा को जानकारी दी और जिस नम्बर से कॉल आया था, उस नंबर की जांच करने का अनुरोध किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।