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सिंगरौली में कचरा निस्तारण का कार्य कर रही सिटाडेल कंपनी के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार

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मृत मवेशियों को भस्मक भट्ठी (इंसीनरेटर) में न जलाकर फेक रहे खुले मैदान में

पर्यावरण को दूषित करने के साथ-साथ आमजनों के स्वास्थ्य से भी किया जा रहा खिलवाड़

सिंगरौली

नगर पालिक निगम सिंगरौली ने अपने 45 वार्डो का ठोस अपशिष्ट कचरा तथा मृत मवेशियों के निस्तारण के लिए सिटाडेल नामक कंपनी को ठेका का कार्य दिया है।

इस कार्य हेतु नगर पालिक निगम सिंगरौली द्वारा सिटाडेल कंपनी को प्रति माह लगभग एक करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कि सिटाडेल कंपनी मात्र 50% प्रतिशत कार्य कर 100% प्रतिशत भुगतान नगर पालिक निगम सिंगरौली से ले रही है।

उदाहरण के तौर पर इसे इस तरह समझा जा सकता है। सिटाडेल कंपनी को नगर पालिक निगम सिंगरौली के 45 वार्डो से प्रतिदिन मृत मवेशियों को स्वयं के वाहन से कचरा प्लांट तक लाना है और प्लांट परिसर के अंदर ही स्थापित भस्मक भट्ठी में मृत मवेशियों को जलाकर नष्ट करना होता है।

चूंकि मृत मवेशियों को उक्त भट्ठी में जलाकर नष्ट करना एक महंगी प्रक्रिया है। जिस कारण खर्च लागत कम करने के चक्कर में सिटाडेल कंपनी मृत मवेशियों को भस्मक भट्ठी में ना जलाकर बलियरी क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया के खुले मैदानों में फेंक दिया जा रहा है।

इस तरह कंपनी प्रबंधन द्वारा आधे-अधूरे कार्य कर नगर पालिक निगम सिंगरौली से प्रतिमा माह 100% प्रतिशत कार्य का भुगतान ले रही है।

शासकीय रूपयो का इस तरह हो रहे दुरुपयोग पर नगर पालिका निगम सिंगरौली आयुक्त को इस मामले को संज्ञान में लेकर सिटाडेल कंपनी द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच कराई जानी चाहिए।