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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 83 सीटें बिगाड़ सकती हैं महायुति का खेल, BJP-RSS की बढ़ी चिंता!

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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 158 निर्वाचन क्षेत्र तय करेंगे कि राज्य की सत्ता की चाबी महायुति के पास जाएगी या महाविकास अघाड़ी के पास. इन 158 निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी बनाम कांग्रेस, शिंदे की शिवसेना बनाम, ठाकरे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी बनाम शरद पवार की एनसीपी है. लेकिन, आरएसएस को चिंता बीजेपी की नहीं, बल्कि उन 83 सीटों की है, जहां शिवसेना शिंदे और एनसीपी अजित पवार का शिवसेना उद्धव गुट और एनसीपी शरद पवार से मुकाबला है. ये 83 सीटें तय करेंगी कि राज्य में बीजेपी कांग्रेस से बेहतर है या नहीं, असली शिवसेना शिंदे की है या ठाकरे की और असली राष्ट्रवादी अजित पवार है या शरद पवार.

2019 के बाद बदले समीकरण
2019 के विधानसभा चुनावों की अगर बात करें तो महायुति और महा विकास अघाड़ी में दो पार्टियां थीं, जो मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी और एनसीपी शिवसेना के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी. लेकिन, 2019 के बाद बदले समीकरण में महायुति और महा विकास अघाड़ी में तीन-तीन पार्टियों का गठबंधन बन गया. इसलिए 2024 के विधानसभा चुनाव में सीधी लड़ाई का समीकरण बन गया है.

कहां किसके बीच होगी सीधी टक्कर
• विदर्भ की 35, मराठवाड़ा की 10, पश्चिमी महाराष्ट्र की 12, मुंबई की 8, उत्तरी महाराष्ट्र की 6 और कोंकण की 4 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है.
• महाराष्ट्र की 75 सीटों पर बीजेपी बनाम कांग्रेस का मुकाबला है.
• दूसरी सीधी लड़ाई दोनों शिवसेना के बीच हो रही है. शिंदे की शिव सेना 46 सीटों पर ठाकरे की सेना के खिलाफ खड़ी है. विदर्भ में 5 सीटों पर दोनों शिवसेना आमने-सामने हैं, जबकि मराठवाड़ा में 10, पश्चिम महाराष्ट्र में 8, मुंबई में 10, उत्तर महाराष्ट्र में 4 और कोंकण में 9 सीटों पर दोनों शिवसेना आमने-सामने हैं.
• महाराष्ट्र की 37 विधानसभा सीटों पर एनसीपी अजित पवार और एनसीपी शरद पवार के बीच मुकाबला है. वे दोनों विदर्भ में 3 सीटों, मराठवाड़ा में 6 सीटों, पश्चिम महाराष्ट्र में 21 सीटों, मुंबई में 1, उत्तरी महाराष्ट्र में 3 और कोंकण में 3 सीटों पर लड़ने जा रहे हैं.
• 38 विधानसभा सीटों पर शरद पवार की एनसीपी का बीजेपी उम्मीदवारों के साथ मुकाबला है.  
• 19 सीटों पर कभी सहयोगी रही उद्धव ठाकरे की शिवसेना के उम्मीदवार कांग्रेस के खिलाफ खड़े हैं.

इन सीटों पर सीधी लड़ाई यह तय करेगी कि राज्य की सत्ता पर कौन बैठेगा. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी को आरएसएस को शिंदे और अजित पवार की 83 सीटों की चिंता है. अगर इन 83 सीटों पर दोनों पार्टियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो खेल बिगड़ सकता है. इसलिए बीजेपी ने इन सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है.