Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

कम वोटिंग से कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है, प्रियंका गांधी की जीत की कितनी गारंटी

27
Tour And Travels

वायनाड
वायनाड लोकसभा सीट पर बुधवार को हुए उपचुनाव में 64.72 प्रतिशत वोटिंग हुई। 2009 में इस सीट के गठन के बाद से अब तक का सबसे कम मतदान प्रतिशत है। राहुल गांधी के द्वारा इस सीट से इस्तीफा देने के कारण यहां उपचुनाव की स्थिति बनी। यहां प्रियंका गांधी वाड्रा का मुकाबला सीपीआई उम्मीदवार सत्यन मोकेरी और बीजेपी की नव्या हरिदास से है। मतदान प्रतिशत में गिरावट को लेकर कांग्रेस के भीतर चिंताएं भी जताई गई हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के लिए जीत का अंतर 5 लाख वोटों का दावा किया था। कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने कहा है कि कम मतदान प्रतिशत से उनके द्वारा घोषित किए गए मतदान के मार्जिन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यूडीएफ नेताओं ने इसका खंडन किया और दावा किया कि पार्टी की स्थिति मजबूत है।

सीपीआई नहीं दिखी उत्साहित
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कम मतदान प्रतिशत के लिए सीपीआईएम के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच उत्साह की कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में मतदाताओं का रुझान अपेक्षाकृत कम था, जिसके कारण मतदान प्रतिशत में गिरावट आई। प्रियंका गांधी को समर्थन जुटाने के लिए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और दीपा दासमुनी ने प्रियंका गांधी के साथ बैठकों में भाग लिया। इसके अलावा, कांग्रेस नेताओं ने यह सुनिश्चित किया कि उनके विधायक और कार्यकर्ता प्रियंका गांधी के अभियान के दौरान क्षेत्र में मौजूद रहें।

प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए प्रचार में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जैसे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, विपक्षी नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार भी शामिल हुए। इस उपचुनाव के दौरान इन नेताओं ने प्रियंका गांधी के प्रचार का नेतृत्व किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय रूप से मैदान में लाने की कोशिश की।

वायनाड में बाढ़ का असर
यह उपचुनाव वायनाड जिले में आई बाढ़ के कुछ महीने बाद हुआ है। बाढ़ के कारण 231 लोगों की मौत हो गई थी। 47 अभी भी लापता हैं। वायनाड उपचुनाव के मतदान प्रतिशत में कमी के बावजूद कांग्रेस और UDF के नेताओं का मानना है कि प्रियंका गांधी की जीत में कोई बाधा नहीं आएगी। अब सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि कम मतदान के बावजूद क्या कांग्रेस की उम्मीदें पूरी होती हैं और क्या प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से जीत हासिल कर पाती हैं।