सिरोही.
आबूरोड पुलिस द्वारा सोमवार को शहर में 5 दिन पूर्व हुए ब्लाइंड मर्डर केस में वांछित 2 नाबालिगों को निरुद्ध किया गया है। मामले में 3 आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि मृतक से मोबाइल लूटने के प्रयास का विरोध करने पर आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था।
घटना के बाद वे मोबाइल लूटकर फरार हो गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल ने घटनास्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद शहर पुलिस सहित 5 टीमें गठित की गईं, जिसने कई जगहों पर दबिश देकर इन्हें पकड़ने में सफलता हासिल की। आबूरोड शहर पुलिस थानाधिकारी बंशीलाल की अगुवाई में आज टीम द्वारा इस मामले में वांछित 2 नाबालिगों को को निरुद्ध किया गया। आवश्यक कार्रवाई के बाद उन्हें बाल सुधार गृह, सिरोही भेज दिया गया। इस मामले में अब तक राजाराम उर्फ राजू पुत्र नोनाराम गरासिया, लक्ष्मा उर्फ श्रवण पुत्र हरा गरासिया एवं मीठाराम पुत्र कानाराम गरासिया को गिरफ्तार किया गया था। इससे पूर्व पुलिस टीमों द्वारा विभिन्न स्रोतों से घटना से संबंधित सूचना एकत्रित की गई और पुलिस मित्रों एवं सीएलजी सदस्यों से समन्वय स्थापित कर अज्ञात बदमाशों को नामजद कर गिरफ्तारी करने एवं गिरफ्तारी के लिए आबूरोड में लगे करीब 100 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। इसके बाद संदिग्ध लोगों को चिन्हित कर उन्हें नामजद कर उनके घरों पर दबिश दी गई। लगातार प्रयासों के बाद आरोपी राजराम उर्फ राजू को ग्राम क्यारियां, लक्ष्मा उर्फ श्रवण को जलोईयाफली, सियावा एवं मीठाराम को रबारिया, गुजरात से दस्तयाब कर पूछताछ की गई। इस पर इन्होंने वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया।
मोबाइल लूटने का विरोध करने पर की थी हत्या
पुलिस पूछताछ में यह सामने आया कि आरोपी मृतक ओटसिंह से मोबाइल लूटना चाह रहे थे, जिसका उसने विरोध किया था। इससे नाराज होकर आरोपियों ने चाकू एवं छूरी से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद वे मोबाइल लूटकर वहां से भाग खड़े हुए थे। पुलिस के अनुसार घटनास्थल एकांत जगह पर होने और आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं होने एवं घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं होने से आरोपियों को नामजद करना बड़ी चुनौती था।