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प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरह कनाडा की पुलिस भी खालिस्तानियों को लेकर नरमी बरत रही

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कनाडा
खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने में भारत सरकार के शामिल होने के आरोपों के कारण भारत-कनाडा संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। हाल ही में कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिनमें खालिस्तान समर्थकों की कार्रवाइयों में तेजी आई है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो  की तरह कनाडा की पुलिस भी खालिस्तानियों को लेकर नरमी  बरत रही  है। ग्रेटर टोरंटो एरिया में एक हिंदू मंदिर पर हमले के खिलाफ हजारों भारतीय-कनाडाई लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन पुलिस ने उनके एकत्र होने को "गैरकानूनी" घोषित कर दिया और प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दंगा रोधी उपकरणों से लैस सशस्त्र कर्मियों को तैनात कर दिया।

कनाडा पुलिस ने हिंदुओं के विरोध प्रदर्शनों को अवैध बताते हुए एक विवादास्पद फरमान जारी किया है। पुलिस का दावा है कि इन प्रदर्शनों के दौरान कुछ व्यक्तियों के पास हथियार देखे गए, जिसके चलते प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी की चेतावनी दी गई है। कनाडा की पुलिस की  खालिस्तान समर्थकों के प्रति दिखाई गई नरमी से यह स्पष्ट हो रहा है कि वह हिंदू समुदाय के प्रति अधिक सख्त और खालिस्तान समर्थकों के प्रति अधिक सहानुभूति दिखा रही है। ब्रैम्पटन के एक हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमले के बाद, स्थिति और गंभीर हो गई है। इस घटना में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक की पहचान विकास (23 वर्ष) और अमृतपाल सिंह (31 वर्ष) के रूप में की गई है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस के समक्ष पेश किया जाएगा। वहीं, प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानियों के समर्थन में शामिल हुए एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है।

PM मोदी की प्रतिक्रिया
पिछले कुछ वर्षों में कनाडा में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं। सितंबर 2022 से अब तक, कनाडा के विभिन्न स्थानों पर बीएपीएस मंदिर को चार बार खालिस्तान समर्थक तत्वों के द्वारा निशाना बनाया जा चुका है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर किए गए हमले की निंदा की है। उन्होंने इसे एक गंभीर घटना बताया और कहा कि इस तरह की राजनयिक गतिविधियों का उद्देश्य भारतीय राजनयिकों को डराना है।

पहले भी हो चुके खालिस्तान समर्थकों के हमले
यह पहली बार नहीं है जब खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले किए हैं। पिछले साल जुलाई में, अल्बर्टा प्रांत के एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी, जिसमें मंदिर की दीवारों पर हिंदू विरोधी नारे और चित्र उकेरे गए थे। उदाहरण के लिए, 23 जुलाई 2024 को एडमॉन्टन में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों को रंग-रोगन कर "हिंदू आतंकवादी" जैसे शब्द लिखे गए थे। कनाडा में लगभग 20 से अधिक हिंदू मंदिरों को विभिन्न तरीकों से निशाना बनाया गया है। कनाडा की कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब तक इन घटनाओं के पीछे के आरोपियों की पहचान नहीं कर सकी हैं। इस स्थिति ने न केवल स्थानीय हिंदू समुदाय में डर और असुरक्षा की भावना पैदा की है, बल्कि भारत- कनाडा के रिश्तों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है।