Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

छत्तीसगढ़-कोंडागांव के कुम्हार अशोक चक्रधारी ने बनाया 24 घंटे जलने वाला दीया

24
Tour And Travels

कोंडागांव.

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोंडागांव के कुम्हार अशोक चक्रधारी ने इस दिवाली के लिए ऐसा अनोखा दीया तैयार किया है, जिसकी विशेष बनावट और गुणों की चर्चा चारों ओर हो रही है। मिट्टी के इस दीये में अद्वितीय ऑटोमैटिक व्यवस्था है, जिससे दीये में जैसे ही तेल खत्म होता है, ऊपर रखे तेल से भरे गुंबद से तेल बूंद-बूंद कर स्वतः भर जाता है और दीया जलता रहता है।

दिवाली के नजदीक आते ही मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि मिट्टी के दीयों से पूजा-पाठ का विशेष महत्व जुड़ा है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक और चाइनीज आइटम्स के बाजार में आने के बाद भी मिट्टी के दीयों का आकर्षण आज भी कायम है। ऐसे में कोंडागांव के अशोक चक्रधारी का यह 'जादुई दीया' लोगों का ध्यान खींच रहा है, जिसमें एक बार तेल भर देने पर यह दीया 24 से 40 घंटे तक लगातार जल सकता है।

कुम्हारों की प्रेरणा बने अशोक चक्रधारी
कोंडागांव के शिल्पग्राम कुम्हरपारा के निवासी अशोक चक्रधारी मिट्टी के बेजान टुकड़ों में जान डालने की कला में माहिर हैं। वे न केवल मूर्तियां और सजावटी सामान बनाते हैं बल्कि रोजमर्रा की चीजें बनाकर आसपास के लोगों को रोजगार भी देते हैं। अशोक का कहना है कि उन्होंने 35–40 साल पहले भोपाल में एक प्रदर्शनी में ऐसा दीया देखा था और उसी से प्रेरणा लेकर इसे बनाया। इस दीये को बनाने के पीछे उनका मकसद कुम्हारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना भी है। इस विशेष दीये की अनोखी बनावट में गुंबद में तेल भरकर उसे दीये के ऊपर रखा जाता है। जैसे ही दीये में तेल खत्म होता है, गुंबद से तेल धीरे-धीरे बहकर दीये को भर देता है और दीया फिर से जलने लगता है। इस व्यवस्था के कारण यह दीया लंबे समय तक जल सकता है और इसे लेकर देश-विदेश से भारी मांग हो रही है।

नए प्रयोग की जरूरत
अशोक का कहना है कि कुम्हारों की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है और ऐसे में उन्हें मार्केट में बने रहने के लिए नए प्रयोग करते रहना चाहिए। उनका मानना है कि इस तरह के नए आइडिया से कुम्हारों को न केवल प्रेरणा मिलेगी, बल्कि उनकी माली हालत भी सुधरेगी।उन्होंने बताया कि वे फिलहाल रोज़ाना केवल 100 दीयों का निर्माण कर पा रहे हैं, लेकिन इस अनोखे दीये की मांग इतनी ज्यादा है कि उन्हें सप्लाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में इसकी बेहतर मार्केटिंग और उत्पादन की व्यवस्था कर वे इसे और अधिक लोगों तक पहुंचा पाएंगे। अशोक चक्रधारी ने सभी से अपील की है कि वे इस दिवाली मिट्टी के दीयों का अधिक से अधिक उपयोग करें जिससे कुम्हारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।