नागौर.
नागौर की खींवसर विधानसभा उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रेवंतराम डांगा को प्रत्याशी के रूप में चुना है। टिकट मिलते ही डांगा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मैं नहीं, खींवसर की जनता चुनाव लड़ रही है। उन्होंने इस चुनाव को खींवसर के लोगों की लड़ाई बताया और खुद को जनता का प्रत्याशी घोषित किया।
जानकारी के मुताबिक, रेवंतराम डांगा टिकट की घोषणा के बाद देर रात खरनाल पहुंचे और लोकदेवता तेजाजी महाराज के मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद लिया। अगले दिन जयपुर रवाना होने से पहले उन्होंने दोबारा मंदिर में पूजा की और फिर समर्थकों के साथ नागौर के नाथूराम मिर्धा स्मारक पहुंचे। उन्होंने वहां नाथूराम मिर्धा की प्रतिमा पर माला अर्पित की, जिनकी आज जयंती है।
चुनावी मैदान में कड़ा दिख रहा मुकाबला
खींवसर सीट पर इस बार का मुकाबला भी बेहद कड़ा होने की उम्मीद है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी रेवंतराम डांगा ने आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था और पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था। उस चुनाव में आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल मात्र 2,059 वोटों से जीत पाए थे। अब बीजेपी ने फिर से डांगा पर भरोसा जताया है।
आरएलपी की मजबूत पकड़
खींवसर सीट पर आरएलपी का दबदबा रहा है। 2019 के उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल ने कांग्रेस को हराकर यह सीट 4,630 वोटों से जीती थी। इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस के सवाई सिंह चौधरी को 16,948 वोटों से हराया था। बेनीवाल पहले बीजेपी से और फिर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव जीत चुके हैं।
बीजेपी की मजबूत पकड़
हालांकि, हालात अब बदल रहे हैं। 2019 के बाद बीजेपी ने खींवसर में अपनी जड़ें मजबूत की हैं। पार्टी ने ज्योति मिर्धा जैसे बड़े कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में लाकर आरएलपी के कई नेताओं को भी जोड़ लिया है। पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरएलपी के कई नेता बीजेपी में शामिल हुए, जिनमें रेवंतराम डांगा भी थे। बीजेपी के इस कदम ने पार्टी को तीसरे स्थान से उठाकर खासी मजबूती दी, जिससे हनुमान बेनीवाल मुश्किल से चुनाव जीत पाए।
डांगा को मिला मिर्धा का समर्थन
रेवंतराम डांगा को इस चुनाव में ज्योति मिर्धा का भी समर्थन मिल रहा है। मिर्धा ने बीजेपी के संगठन को खींवसर में मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। स्थानीय संगठन अब पूरी तरह से डांगा के साथ जुट गया है। उनकी जमीनी पकड़ और स्थानीय समर्थन से बीजेपी इस बार खींवसर सीट पर बड़ी जीत की उम्मीद कर रही है।