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मोहन सरकार ने प्रदेश में पुलिस भर्ती में बड़ा बदलाव किया, ‘घोटाला’ रोकने ‘थियोडोलाइट’ का इस्तेमाल अब होगा

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भोपाल
मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। ऐेसे में अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नहीं चाहते कि युवाओं के भविष्य से किसी प्रकार का खिलवाड़ हो। इसके कारण पुलिस भर्ती में बड़ा बदलाव किया गया है।

54 हजार अभ्यर्थी ले रहे भाग
वर्तमान में पुलिस आरक्षक के 7500 पदों के लिए चल रही शारीरिक दक्षता परीक्षा में तकनीक का सहारा लिया जा रहा है, जिससे मानवीय त्रुटि की संभावना खत्म हो सके। मध्य प्रदेश पुलिस थियोडोलाइट यंत्र का उपयोग कर रही है। इसकी खास बात यह है कि इससे आंकड़े बिल्कुल सही आते हैं। आपको बता दें कि प्रदेश भर में 54 हजार अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा में भाग ले रहे हैं।

प्रिज्म लेयर से होगा माप
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में शारीरिक दक्षता परीक्षा शुरू हो रही है। इसमें लंबी कूद और गोला फेंक में माप के लिए 'थियोडोलाइट' तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जहां पर गोला गिरेगा वहां प्रिज्म लेजर रखकर इसके माध्यम से उसका मापन थियोडोलाइट से किया जाएगा। इस मशीन की रीडिंग अभ्यर्थी के रोल नंबर के साथ ही सीधे कंप्यूटर में रिकॉर्ड हो जाएगी। ऐसे में रीडिंग की गड़बड़ी की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।

बायोमेट्रिक से होगा वेरिफिकेशन
इस भर्ती में प्रदेश के 10 जिलों में केंद्रों में 800 मीटर की दौड़, लंबी कूद और गोला फेंक की परीक्षा ली जाएगी। शारीरिक भर्ती के लिए परीक्षार्थी के सत्यापन के लिए आधार बायोमेट्रिक का उपयोग किया जाएगा। यह मेल नहीं खाता तो रेटिना मिलान की जाएगी। परीक्षा की पारदर्शिता के लिए परीक्षा की रिकार्डिंग कर मैदान में बड़ी स्क्रीन में दिखाया जाएगा।

100 नंबर का होगा फिजिकल टेस्ट
शारीरिक दक्षता परीक्षा के 100 अंक रखे गए हैं। इतने ही अंकों की लिखित परीक्षा पहले हो चुकी है। दोनों को जोड़कर प्रावीण्य सूची बनाई जाएगी। आपको बता दें कि 800 मीटर दौड़ के लिए 40 नंबर, लंबी कूद के लिए 30, गोला फेंक के लिए 30 नंबर तय किये गए हैं।

थियोडोलाइट तकनीक
थियोडोलाइट एक ऐसी मशीन है, जिसे आमतौर पर सिविल इंजीनियरिंग में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर कोणों को मापने के लिए किया जाता है। इससे माप में पूरी शुद्धता रहती है।