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भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ा, इंड़िया ने छात्रों पर कनाडा में शिक्षा लेने पर रोक लगाई तो, आर्थिक व्यवस्था पर गहरी चोट होगी

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नई दिल्ली

भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। अब कनाडा ने भारत के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों के संकेत दिए हैं। इधर, भारत ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। हाल ही में कनाडा ने एक मामले की जांच में कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' बनाया था। इसका मतलब ऐसे व्यक्ति से होता है, जो संदिग्ध है, लेकिन अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। दोनों ही देशों ने 6-6 राजनयिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारत के खिलाफ पाबंदी लगाने की संभावना को खारिज नहीं किया और कहा कि ‘सभी विकल्प विचाराधीन हैं’।

भारत ऐसे दे सकता है जवाब

 रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल, कनाडा में लाखों भारतीय छात्र हैं। अगर भारत ने छात्रों पर कनाडा में शिक्षा लेने पर रोक लगा दी, तो इसका गहरा असर हो सकता है। यह फैसला कनाडा के शिक्षा से जुड़ी आर्थिक व्यवस्था पर गहरी चोट दे सकता है। इसके अलावा भारत खालिस्तान समर्थक भारतीय मूल के सभी कानाडाई नागरिकों के OCI यानी ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड रद्द कर सकता है।

इनके साथ भारत खालिस्तान समर्थकों के संपत्ति के अधिकार को खत्म कर सकता है। साथ ही वह नए वीजा में देरी और गहनता से जांच करना बढ़ा सकता है। ऐसे में खालिस्तान समर्थकों पर दबाव पड़ सकता है। भारत भारतीय मूल के ऐसे कनाडाई नागरिकों के मल्टिपल एंट्री वीजा पर भी रोक लगा सकता है। अगर यह फैसला लिया जाता है, तो असर भारतीय कनाडाई समुदाय पर पड़ सकता है। इससे कनाडा की स्थानीय राजनीति पर भी असर हो सकता है।

कनाडा को जवाब में भारत भी व्यापार स्तर पर प्रतिबंध लगा सकता है। टॉप 10 ट्रेडिंग पार्टनर होने के नाते भारत कनाडा की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। साथ ही भारत में निवेश वाले कनाडा के आर्थिक संस्थानों और पेंशन फंड को फ्रीज कर सकता है।
कनाडा की पुलिस ने लगाए थे ये आरोप

कनाडा की सार्वजनिक प्रसारणकर्ता कनाडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, देश के राष्ट्रीय पुलिस बल रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के प्रमुख ने भारत के संदर्भ में चौंकाने वाले आरोप लगाए कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा में हत्याओं सहित ‘व्यापक हिंसा’ में भूमिका निभा रहे हैं और चेतावनी दी थी कि इससे ‘देश की सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा’ है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘इनमें गोपनीय सूचना जुटाने की तकनीक, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को निशाना बनाकर उनके साथ दंडात्मक व्यवहार करना और हत्या सहित एक दर्जन से अधिक धमकी भरे और हिंसक कृत्यों में संलिप्तता शामिल है।’ कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के साथ काम करने के उनकी सरकार के प्रयास के कोई परिणाम नहीं निकले।

उन्होंने कहा, ‘इसलिए, इस सप्ताहांत, कनाडाई अधिकारियों ने एक असाधारण कदम उठाया। उन्होंने आरसीएमपी के उन साक्ष्यों को साझा करने के लिए भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की, जिनके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि भारत सरकार के छह एजेंट आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्ति हैं।’

RCMP ने आरोप लगाया है कि बिश्नोई गिरोह के तार भारत सरकार के उन ‘एजेंटों’ से जुड़े हैं, जो देश में दक्षिण एशियाई समुदाय, विशेष रूप से ‘खालिस्तान समर्थक तत्वों’ को निशाना बना रहे हैं। भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि कनाडाई अधिकारियों का यह दावा सच नहीं है कि कनाडा ने निज्जर मामले में भारत को प्रामाणिक सबूत दिए हैं।