Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

रिलायबल पैथ लैब में डायरेक्ट तार डालकर की जा रही थी बिजली चोरी, हुई कड़ी कार्यवाही

15
Tour And Travels

भोपाल शहर में बिजली चोरी पर कंपनी ने की कड़ी कार्यवाही

रिलायबल पैथ लैब में डायरेक्ट तार डालकर की जा रही थी बिजली चोरी, हुई कड़ी कार्यवाही

बिजली चोरी  : 3 लाख 95 हजार का बिल जारी, राशि जमा नहीं करने पर होगी जेल

भोपाल
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मंगलवार को सघन चैकिंग अभियान के दौरान भोपाल शहर में डायरेक्ट तार डालकर बिजली का अनधिकृत उपयोग करने वालों पर कार्रवाई की गई। लालघाटी क्षेत्र के जैन नगर स्थित रिलायबल पैथ लैब के संचालक रामस्वरूप राजपूत के विरूद्ध विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर 3 लाख 95 हजार का बिल जारी किया गया है।

गौरतलब है कि इन दिनों मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र में बिजली चोरों के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान चलाकर विद्युत चोरी, अनधिकृत टैरिफ उपयोग एवं मीटर बायपास के प्रकरण दर्ज कर कड़ी कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में कंपनी ने शहर वृत्त भोपाल के उत्तर संभाग अंतर्गत इमामीगेट जोन के अतंर्गत जैन नगर, लालघाटी, म.नं.234 स्थित रिलायबल पैथ लैब बिल्डिंग के बेसमेंट में चेकिंग के दौरान गैर घरेलू उपयोग के लिये डायरेक्ट तार डालकर अनधिकृत रूप से विद्युत की चोरी की जा रही थी। कंपनी द्वारा प्रतीक बडकुल के परिसर में किरायेदार रामस्वरूप राजपूत द्वारा 7.745 किलो वॉट विधुत भार का अनधिकृत उपयोग गैर घरेलू उद्देश्य (पेथ लैब) में किया जा रहा था। कंपनी के सहायक प्रबंधक अरूण शर्मा एवं जांच टीम द्वारा मौके पर ही विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत डायरेक्ट विद्युत चोरी का प्रकरण दर्ज कर विद्युत सप्लाई विच्छेदित की गई एवं प्रकरण में लैब संचालक को मौके पर ही 3 लाख 95 हजार रूपये का बिल जारी किया गया।

उल्लेखनीय है कि बिजली कंपनी द्वारा चोरी के विरूद्ध लैब संचालक को जारी की गई क्षतिपूर्ति की राशि जमा नहीं की जाती है तो प्रकरण को विशेष विद्युत न्यायालय में दर्ज कराया जाएगा। विद्युत चोरी के प्रकरणों में राशि जमा न करने पर 3 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सभी आम लोगों से आग्रह किया है कि वे वैध कनेक्शन लेकर ही बिजली का उपयोग करें। अनधिकृत या अवैध रूप से बिजली का उपयोग न करें। बिजली चोरी दण्डनीय अपराध है तथा इसमें जुर्माना और कारावास का भी प्रावधान है।