Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

मोहन भागवत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सिद्धांत की प्रशंसा की, कहा अब दुनिया भर में व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है

32
Tour And Travels

नागपुर
राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के कुछ प्रमुख सिद्धांतों का समर्थन किया। उनके भाषण में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा, देश की प्रगति, शांतिपूर्ण चुनावों की प्रक्रिया, और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने की बात शामिल थी। मोहन भागवत ने 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के सिद्धांत की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसे अब दुनिया भर में व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को अपने चरम पर बताते हुए देश की मजबूत राजनीतिक स्थिति के लिए सराहना व्यक्त की।

उन्होंने पिछले एक दशक में भारत की अद्भुत प्रगति का जश्न मनाया। उन्होंने कहा कि आज भारत एक मजबूत और अधिक सम्मानित राष्ट्र बन चुका है, जिसकी वैश्विक विश्वसनीयता ऊंचाई पर है। उन्होंने कहा कि देश सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है और सामाजिक समझ विकसित हो रही है। इसका एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनावों का संचालन है, जो भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और वैश्विक पहचान में योगदान दे रहा है।

उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ दुष्ट शक्तियां भारत की प्रगति को बाधित करने की कोशिश कर रही हैं। भागवत ने कहा कि विभिन्न दिशा से देश को अस्थिर करने के लिए साजिशें रची जा रही हैं। योग के वैश्विक महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि योग न केवल एक वैश्विक प्रवृत्ति बन रहा है, बल्कि इसके मूल सिद्धांत भी व्यापक रूप से लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने भारत के पर्यावरण संबंधी मुद्दों के प्रति वर्तमान दृष्टिकोण की सराहना की, जिसे दुनिया भर में गर्मजोशी से अपनाया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हैवानियत के मामले में अव्यवस्था की निंदा करते हुए उन्होंने इसे समाज के लिए शर्मनाक घटना बताया, जिससे समाज की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को बचाने के प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि अपराध, राजनीति और विषाक्त संस्कृति का एक डिस्टर्बिंग नेक्सस है, जो हमारे समुदाय को कमजोर कर रहा है।