Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

छत्तीसगढ़ : दंतेवाड़ा में जैविक खेती को बढ़ावा देने प्रशासन द्वारा व्यापक प्रयास किए

27
Tour And Travels

दंतेवाड़ा

 जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा आकांक्षी जिला दंतेवाड़ा को जैविक जिला बनाने की ओर वृहद स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में प्रमुख रूप से जिले के किसानों को जैविक खेती की विभिन्न तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है। किसानों को रासायनिक खेती को छोड़ कर जैविक खेती की ओर अग्रसर करना एवं किसानों का जैविक प्रमाणीकरण इत्यादि गतिविधियां शामिल है।

गौरतलब है कि दंतेवाड़ा जिले में रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का प्रचार-प्रसार और विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। इसके अतिरिक्त वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण अंतर्गत जिले के 110 गांव के 10 हजार 264 किसानों के 65 हजार 279 हेक्टेयर भूमि का जैविक प्रमाणीकरण किया जा चुका है जो कि देश में सबसे बड़ा क्षेत्र है।

जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप ने इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य के सभी आकांक्षी जिले लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि दंतेवाड़ा जिले में वर्तमान में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिले के 220 ग्रामों में तीन चरणों में कृषक खेत पाठशाला का आयोजन के साथ-साथ जैविक कार्यकर्ताओं के माध्यम से तकनीकी सहयोग किसानों को दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ जैविक किसानों को विभिन्न जगहों पर अभ्यास भ्रमण एवं उनके लिए आवासीय प्रशिक्षणों का आयोजन भी किया जा रहा है।

कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दंतेवाड़ा में लोक सुराज अभियान में अधिकारियों को इसके लिए कार्य योजना बनाने को कहा। उन्होंने अभियान के दौरान पूरनतराई नर्सरी में चल रहे कृषकों के प्रशिक्षण सत्र को भी संबोधित किया। उन्होंने क्षेत्र में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए 14 करोड़ 84 लाख की तीन सिंचाई योजनाओं की घोषणा की। इसमें फूलपाड़ जलाशय, दंतेवाड़ा व्यपवर्तन तथा कुंदेली योजना शामिल है। किसान अपनी आधी भूमि में खेती करें, एक तिहाई भूमि में पशुपालन तथा एक तिहाई भूमि में फल-फूल की खेती करें। उन्होंने कहा कि आपको नवाचार अपनाना चाहिए।

आंध्र में अमरूद की बहुत माँग है नई वैरायटी के अमरूद का उत्पादन कर आप अच्छा लाभ कमा सकते हैं। लीची भी अच्छा फायदा देती है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा खाद-बीज के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जाता है। पंप के लिए अनुदान दिया जाता है। कृषि उपकरणों के लिए अनुदान दिए जाते हैं तो इसे अपनाने के लिए किसानों को आगे आना चाहिए।