Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

दिल्ली में बस मार्शल मुद्दे पर आप और भाजपा में टकराव, विजेंद्र गुप्ता की कार में बैठीं CM आतिशी

23
Tour And Travels

 नई दिल्ली
 दिल्ली सरकार ने बस मार्शल्स की नियुक्ति को लेकर कैबिनेट नोट पास कराया है। इस नोट में मार्शल को तुरंत बहाल करने की मांग की गई है। इस नोट को लेकर सीएम आतिशी अपनी कैबिनेट मंत्रियों के साथ एलजी आवास की तरफ निकलीं। इससे पहले एलजी के पास जाने के मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई।

वहीं राजभवन जाने के मुद्दे पर बीजेपी विधायकों के भागने का आरोप लगा। दिलीप पांडेय ने कहा कि बस मार्शलों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा कैबिनेट नोट पास होने के बाद भाजपा वाले फिर भागने के फिराक में थे, जिन्हें रोकने के लिए हमें जमीन पर लोटना पड़ा। गेट पर घेर कर फिर रोक पाएं उन्हें हम। अब एलजी हाउस की तरफ रवाना हैं हम लोग! आज हम लोग बस मार्शल्स के लिए न्यायोचित रोजगार लेकर ही दम लेंगे। इंकलाब ज़िंदाबाद।'

आम आदमी पार्टी का कहना है कि कैबिनेट नोट पास होने के बाद बीजेपी विधायक सचिवालय से भागने लगे. लेकिन मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उनके पैर पकड़कर रोका.

सार्वजनिक परिवहन बसों में मार्शल के रूप में तैनात 10 हजार से अधिक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को पिछले साल हटा दिया गया था, क्योंकि नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने आपत्ति जताई थी कि वे आपदा प्रबंधन कर्तव्यों के लिए नियुक्त हैं.

दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा कि बीजेपी विधायकों ने कल मुझसे मिलने का समय मांगा था, हमने उनसे मुलाकात की और उन्हें इस मुद्दे (बस मार्शलों) के बारे में समझाया कि यह एलजी के अधीन आने वाले सेवा मामलों के अंतर्गत आता है. लेकिन आज बीजेपी की पोल खुल गई, क्योंकि हमारी पूरी कैबिनेट वहां थी. बीजेपी को एलजी से उन मामलों पर निर्णय लेने के लिए कहना चाहिए जो उनके अधीन आते हैं. लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है, वे इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. हमने एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई और बस मार्शल को नियमित करने के लिए दिल्ली विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए गए. यहां (एलजी हाउस) आने के बाद भी बीजेपी विधायक एलजी से उस कैबिनेट नोट को पारित करने के लिए कहने के लिए तैयार नहीं थे, यह बस मार्शल के साथ विश्वासघात है. कैबिनेट द्वारा जो काम किए जाने थे – बस मार्शल और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को नियमित करना, वे किए जा चुके हैं. अब बीजेपी को उन्हें नियमित करना है, और उन्हें ज्वाइनिंग लेटर आवंटित करना है.