डूंडा गांव में शराब बेचने और पीने वाले पर न केवल जुर्माना लगाया जाएगा, बल्कि उसका बहिष्कार भी किया जाएगा
टीकमगढ
पूरे प्रदेश में शराब बंदी को लेकर अपनी ही सरकार को घेरने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के गृह गांव डूंडा में अब शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब गांव में शराब बेचने और पीने वाले पर न केवल जुर्माना लगाया जाएगा, बल्कि उसका बहिष्कार भी किया जाएगा। शराब बंदी को लेकर हुई बैठक में लिए गए इस सख्त फैसले के बाद सबसे ज्यादा खुश वह महिलाएं है, जो अपने परिजनों की शराब की लत से परेशान थी।
ग्राम पंचायत डूडा के मंदिर में शाम गांव की बैठक का आयोजन किया गया। यहां पर गांव में शराब बंद करने का फैसला लिया है। इसमें तय किया गया है कि गांव में शराब बेचने पर 21 हजार और पीने पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही शराब बेचनेए उसका निर्माण निर्माण करने की सबूत सहित सूचना देने वाले को 5100 रुपए का नकद ईनाम दिया जाएगा। यह जुर्माना धार्मिक स्थल पर जमा कराया जाएगा।
विदित हो कि अखिल भारती लोधी समाज द्वारा शराब मुक्त के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाना है। इसकी शुरूवात टीकमगढ़ जिले से की गई है। कुछ दिन पूर्व इस संबंध में समाज के लोगों ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर पूरे प्रदेश में शराब बंदी की मांग की है। अब इसकी शुरूवात पूर्व मुख्यमंत्री के गांव से की गई है। बैठक में शामिल उमा भारती के भाई एवं बड़ागांव नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष अमृत लोधी ने बताया कि शराब से कई परिवार तबाह हो गए है। यह बुराई लगातार समाज में फैलती जा रही है और लोग परेशान है। ऐसे में सभी की सहमति से यह निर्णय लिया गया है। बैठक में घनेंद्र प्रताप सिंह, राम किशोर तिवारी, देशराज लोधी, जगदीश यादव, जानकी प्रसाद नापित सहित अन्य लोग शामिल रहे।
राजाओं के समय से बसा था डूडा गांव
डूंडा ग्राम टीकमगढ़ जनपद क्षेत्र का हिस्सा है। इस गांव की बसाहट राजशाही दौर में हुई थी। यह गांव की मुख्य पहचान यहां पर जन्मी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के गृह ग्राम के कारण बनी है। वर्तमान में गांव में 900 के लगभग परिवार है और 3900 आबादी है। कृषि यहां का मुख्य रोजगार का जरिया है।