Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

अरुणाचल की 20,942 फीट ऊंची अनाम चोटी का नाम दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो पर रखने का फैसला, चीन तिलमिलाया

34
Tour And Travels

नई दिल्ली

अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन ने एक बार फिर अपने नापाक मंसूबे जाहिर किए हैं. भारतीय पर्वतारोहियों द्वारा अरुणाचल प्रदेश के एक पर्वत का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखने पर चीन को अब मिर्ची लगी है. चीन ने  भारत के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक बार फिर क्षेत्र पर अपना दावा किया है.

दरअसल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (NIMAS) की एक टीम ने अरुणाचल प्रदेश में 20,942 फीट ऊंची एक अनाम चोटी पर चढ़ाई की थी और इसे छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखने का फैसला लिया था. त्सांगयांग ग्यात्सो 1682 में तवांग क्षेत्र में जन्मे थे. बता दें कि जिस चोटी पर पर्वतारोहियों ने चढ़ाई की है वहां आजतक कोई नहीं चढ़ा था.

इसलिए रखा गया नाम…

NIMAS, जो अरुणाचल प्रदेश के दीरंग में स्थित है, रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है. रक्षा मंत्रालय के एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'छठे दलाई लामा के नाम पर पहाड़ी का नाम रखना उनकी अमर बुद्धिमत्ता और मोनपा समुदाय के प्रति उनके गहरे योगदान को सम्मानित करने के लिए है.'

क्या बोला चीन…

अरुणाचल प्रदेश में चोटी का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखे जाने के बाद, पड़ोसी देश चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, आप किस बारे में बात कर रहे मुझे इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, मुझे कहना चाहिए कि ज़ंगनान (भारत का अरुणाचल प्रदेश, जिसे जिसे चीन ज़ंगनान बुलाता है) का क्षेत्र चीनी क्षेत्र है और भारत के लिए चीनी क्षेत्र में 'अरुणाचल प्रदेश' स्थापित करना अवैध और अमान्य है. बता दें कि चीन ने 2017 से अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलना शुरू कर दिया है ताकि अपने दावों को मजबूत किया जा सके.

भारत ने चीन के दावों को किया खारिज

भारत ने चीन के अरुणाचल प्रदेश पर दावों को अस्वीकार करते हुए कहा है कि अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा है. किसी के अवैध दावे से यह बदलने वाला नहीं है.

अरुणाचल पर दावा करता रहा है चीन

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन के बीच तल्खी का इतिहास पुराना है. चीन   भारत के इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अहम हिस्सा मानता है. चीन आए दिन अरुणाचल प्रदेश को लेकर बयानबाजी करता है. अरुणाचल के कई हिस्सों का नाम बदलकर वह इस क्षेत्र में अपने दावे को पुख्ता करने की हिमाकत भी करता है.

अरुणाचल सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रहा चीन

बता दें कि इसमें कोई सीक्रेट नहीं है कि चीन ने भारतीय सीमा के उस पार सैकड़ों मॉडल गांव बसा दिए हैं. इसमें से तो कुछ ऐसी जगहों पर हैं, जिन्हें दूसरे देश अपना इलाका भी कहते हैं. आम नागरिकों की ये बसाहट बीजिंग के लिए आंख और कान का काम करती है. चीन उसी के आधार पर अपनी ताकत में बढ़ोतरी करता है. सीमा पर जरूरी सामान भेजता है.चीन ने भारत-चीन सीमा के पास अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए हेलिपोर्ट का निर्माण कर दिया है. वहीं, हाल में एक खबर सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल के कई हिस्सों में कुछ निशान लगाए थे.

PM मोदी की यात्रा पर जताई थी आपत्ति

बता दें कि मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था. उनके इस दौरे के बाद चीन चिढ़ गया था और कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. हालांकि, बाद में भारत सरकार ने चीन की टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर दिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था,'हम प्रधानमंत्री की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के संबंध में चीनी पक्ष द्वारा की गई टिप्पणियों को खारिज करते हैं. भारतीय नेता अन्य राज्यों का दौरा करने के साथ समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते रहते हैं.'पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान कई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के साथ सेला सुरंग का उद्घाटन भी किया था.