Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

किसानों का नर्मदा में जल सत्याग्रह, सोयाबीन का 6 हजार रुपये भाव लेकर ही लेंगे दम

28
Tour And Travels

हरदा
जिले में सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग लगातार उठाई जा रही है। इसके लिए किसानों से जुड़े संगठन, राजनीति पार्टी और किसान आवाज बुलंद कर रहे हैं। नर्मदा के हंडिया तहसील मुख्यालय स्थित रिद्धनाथ घाट पर जिले के सैकड़ों किसानों ने जल सत्याग्रह किया। किसानों ने पानी में बैठकर नारे लगाए। हर किसान की यही पुकार सोयाबीन छह हजार, कौन बनाता हिंदुस्तान भारत का मजदूर किसान, हम अपना अधिकार मांगने नहीं किसी से भीक मांगते, फसल हमारी भाव तुम्हारे नहीं चलेगा नहीं चलेगा, जय जवान जय किसान, भारत माता की जय, धरती माता की जय, नर्मदा जमैया की जय, अबकी बार 6000 देना पड़ेगा 6000, जैसे नारों से हंडिया का रिद्धनाथ घाट गूंज उठा।
 
6 हजार का भाव लेकर ही दम लेंगे
किसानों ने उग्र आवाज में बार-बार नारे लगाए और अपना रोष व्यक्त किया। इसके अलावा हाथों में तिरंगे झंडे थामे। प्रमुख मांग सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल कराने की रही। किसानों का कहना था कि सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये लेकर ही दम लेंगे।

किसानों की मजबूरी समझें सरकार
सरकार को किसानों की मजबूरी समझना चाहिए। आज सोयाबीन के जो भाव हैं उनमें लागत निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है। किसानों के पास अगले सीजन की बोवनी करने लायक भी पैसे नहीं बचते हैं, इसलिए सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल कराने की मांग को लेकर आज जल सत्याग्रह करना पड़ रहा है। आंदोलन से जुड़े किसान डोमनमऊ निवासी आनंद कालीराणा ने बताया कि जल सत्याग्रह रविवार सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक चला, जिसमें किसान मनोज गोदारा, शैलेंद्र वर्मा, सुनील सिंह राजपूत, लोकेश गोदारा, सुभाष जांगू, बसंत सारन, पवन बेनीवाल, बसंत रायखेरे सहित सैकड़ों किसान शामिल हुए।

चरणबद्ध चलेगा आंदोलन
जल सत्याग्रह कर रहे किसानों ने कहा कि जिला मुख्यालय पर 13 सितंबर को ट्रैक्टर रैली निकाली थी, जिसमें हजारों किसान जुटे थे। किसान आंदोलन के दूसरे चरण में  नर्मदा में जल सत्याग्रह किया। उसके बाद 24 सितंबर को हरदा परशुराम चौक से घंटाघर तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 25 सितंबर को किसान हरदा बंद करेंगे। इसी तरह 1 अक्टूबर को सांकेतिक रूप से चक्काजाम किया जाएगा, जिसके लिए अभी जगह निर्धारित नहीं की गई है। इतना आंदोलन करने के बाद भी अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है, तो भोपाल में आंदोलन किया जाएगा।

सुरक्षा में तैनात रहे पुलिसकर्मी
किसानों के जल सत्याग्रह को लेकर रिद्धनाथ घाट पर रविवार सुबह से ही पचास से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहे। जल सत्याग्रह के दौरान किसानों ने प्रशासनिक या पुलिस अधिकारी को ज्ञापन नहीं दिया। किसानों का कहना था कि उनका आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चल रहा है, जो मांग पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा।