दरभंगा.
दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के निर्माण को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। सोभन बाईपास के पास एम्स निर्माण के लिए बिहार सरकार द्वारा दी गई 187 एकड़ जमीन पर सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्तूबर महीने में दरभंगा एम्स का शिलान्यास करेंगे, जिसके बाद निर्माण कार्य गति पकड़ेगा।
शिलान्यास की घोषणा के तुरंत बाद सर्वेक्षकों की एक टीम को शोभन बाईपास क्षेत्र में भेजा गया। मिथिलांचल के लोगों में एम्स की स्थापना को लेकर नई उम्मीदें जाग गई हैं। एम्स के निर्माण से इस क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार होने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एम्स निर्माण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है। राज्य सरकार की ओर से सभी आवश्यक तैयारियों को समय पर पूरा करने का आश्वासन दिया है।
जमीन और मिट्टी भराई का काम
एम्स की भूमि पर जल भराव की समस्या को दूर करने के लिए विशेष नक्शा तैयार किया जा रहा है। सर्वेक्षण टीम का नेतृत्व कर रहे संजय मंडल ने बताया कि सर्वेक्षण के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि जमीन पर कितनी मिट्टी भराई की आवश्यकता होगी। अनुमानित तौर पर 10 से 15 फुट मिट्टी भराई की जरूरत हो सकती है। शोभन-एकमी बाईपास से चार फीट नीचे तक मिट्टी भराई की जाएगी, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
क्षेत्र में विकास के नए अवसर
एम्स के निर्माण से इस क्षेत्र में व्यापक विकास की उम्मीद है। फोरलेन सड़क से कनेक्टिविटी के कारण लोगों के लिए यहां तक पहुंचना आसान होगा। वर्षों से अनुपयोगी पड़ी जमीन अब संभावनाओं से भरी हुई है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। दरभंगा एम्स के निर्माण से मिथिलांचल के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी। साथ ही यह पूरे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास का आधार बनेगा।
क्या हैं प्रशासनिक तैयारियां
जिले के प्रभारी बंदोबस्त पदाधिकारी कमलेश कुमार ने बताया कि बलिया मौजे की जमीन का सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया गया है, जहां एम्स का निर्माण प्रस्तावित है। सर्वेक्षण के आधार पर मिट्टी भरने का काम जल्द ही शुरू होगा, जिससे निर्माण कार्य में किसी प्रकार की देरी न हो।