वन कल्याण ने कहा हम सभी को किसी भी रूप में ‘सनातन धर्म’ के अपमान को रोकने के लिए अविलंब एक साथ आना चाहिए
नईदिल्ली
आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल की गई "अपवित्र" सामग्री पर नाराजगी जताई है. पवन कल्याण ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे "बहुत परेशान करने वाला" बताया है.
भाजपा नीत एनडीए ब्लॉक के प्रमुख नेता कल्याण ने शुक्रवार को कहा कि अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ का गठन किया जाए.
पवन कल्याण की पोस्ट
एक्स पर लिखी गई पोस्ट में पवन कल्याण ने लिखा,'पिछली सरकार के कार्यकाल दौरान, तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु मेद (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ़ वसा) मिलाए जाने की बात के संज्ञान में आने से हम सभी अत्यंत विक्षुब्ध हैं. तत्कालीन वाईसीपी (YCP) सरकार द्वारा गठित टीटीडी (TTD) बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे! इस सन्दर्भ में हमारी सरकार हरसंभव सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.'
उन्होंने कहा, 'यह समूचा प्रकरण मंदिरों के अपमान, भूमि संबंधी मुद्दों और अन्य धार्मिक प्रथाओं से जुड़े कई मुद्दों पर चिंतनीय प्रकाश डालता है. अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ का गठन किया जाए. सभी नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, आम नागरिकों, मीडिया और अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य सभी दिग्गजों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक सार्थक बहस होनी चाहिए.'
पिछली जगन मोहन सरकार पर लगे हैं आरोप
पवन कल्याण ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि हम सभी को किसी भी रूप में ‘सनातन धर्म’ के अपमान को रोकने के लिए अविलंब एक साथ आना चाहिए.
दरअसल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रसिद्ध तिरुमाला लड्डू तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए गए घी में जानवर की चर्बी मिलाई थी. वाईएसआरसीपी ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि नायडू राजनीतिक कारणों से बेबुनियाद बयान दे रहे हैं.
आपको बता दें कि विश्व प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी के कथित उपयोग को लेकर उठे विवाद के बीच, सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है.