महिलाओं के विरूद्ध होने वाले गंभीर अपराध हुए कम, हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती के प्रकरणों में भी आई कमी
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा अपराध नियंत्रण के संबंध में की जा रही कार्यवाहियों के सकारात्मक अनुकूल परिणाम परिलक्षित हुए हैं। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एस.सी.आर.बी.) पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2023 एवं 2024 के 01 जनवरी से 31 जुलाई तक हुए अपराधों की समीक्षा करने पर यह तथ्य प्रकाश में आया है कि वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 के प्रथम सात माह की अवधि में न सिर्फ कुल IPC+BNS अपराधों में कमी आई है बल्कि विभिन्न प्रकार के गंभीर अपराध, महिलाओं के विरूद्ध अपराध, बच्चों के विरूद्ध अपराध, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध अपराधों में भी कमी आई है।
महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाकर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। इसके फलस्वरूप जहां एक ओर गैंग रेप के प्रकरणों में 19.01% की कमी आई है वहीं महिलाओं के विरूद्ध घटित क्रूरता तथा दहेज प्रताड़ना के अपराधों में 3.23% की कमी आई है। महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने के कारण ही छेड़छाड़ के अपराधों के प्रकरणों में 9.85% की कमी दृष्टिगत् हुई है तथा इसी प्रकार महिलाओं के विरूद्ध कुल होने वाले अपराधों में 7.91% की कमी आई है।
संपत्ति संबंधी अपराधों की समीक्षा में पाया गया कि लूट के अपराधों में 23.22% की कमी आई है, नकबजनी में 9.53% की कमी आई है। इसी प्रकार सामान्य चोरी में 6.51% की कमी परिलक्षित हुई है। पिछले 7 माह में कुल 182714 IPC+BNS अपराध घटित हुए। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 189178 अपराध घटित हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि विगत 7 माह में अपराधों में 3.53% की कमी आई है। इस संबंध में उल्लेखनीय है कि गंभीर अपराधों जैसे हत्या के प्रकरणों में 7.15%, डकैती में 51.56% से अधिक की कमी आई है।
महिला संबंधी गंभीर अपराधों में आई कमीः-
विगत 7 माह में महिलाओं के विरूद्ध घटित गंभीर अपराधों में कमी आई, बलात्कार के प्रकरणों में 10.22% की कमी, सामुहिक बलात्कार के प्रकरणों में 19.01% की कमी, छेड़छाड़ के प्रकरणों में 9.85% की कमी, दहेज प्रताड़ना में 3.23% की कमी आई है। इसी प्रकार बच्चों (पॉक्सो एक्ट) के विरूद्ध घटित अपराधों में भी 14% की कमी आई है। यह परिणाम, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा महिलाओं एवं बच्चों की सहायता व सुरक्षा के लिए चलाये गये विभिन्न कार्यक्रम जैसे ऊर्जा महिला डेस्क, "आशा", "मुस्कान", "मैं हूँ अभिमन्यु", जैसे अभियान के कारण परिलक्षित हुये हैं।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति गंभीर अपराधों में आई भारी कमीः-
विगत 7 माह में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध घटित गंभीर अपराधों में पिछली अवधि की तुलना में 22.04% की कमी आई है। जो अपराध वर्ष- 2023 में (01 जनवरी से 31 जुलाई) 4033 थे वह वर्ष 2024 में घटकर 3144 हो गये है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति/जनजाति के हॉटस्पॉट में भी कमी आई है जो मध्यप्रदेश पुलिस की इन वर्गों के प्रति संवेदनशीलता एवं व्यवसायिक दक्षता से संभव हुआ है।