कोलकाता
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर केस के एक महीने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच कोलकाता में डॉक्टर्स पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करने के लिए तैयार हो गए हैं। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने ममता बनर्जी से मुलाकात करने के लिए समय मांगा है। हालांकि, बैठक का लाइव प्रसारण करने की शर्त रखी है।
एक डॉक्टर ने बताया कि अपने मेल में डॉक्टरों ने कहा कि वे किसी भी समय और कहीं भी बैठक के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पूरी चर्चा का सीधा प्रसारण किया जाए। एक जूनियर डॉक्टर ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''हमने मुख्यमंत्री को बैठक के लिए पत्र लिखा है, जो आज या कल कभी भी और उनकी पसंद के अनुसार कहीं भी आयोजित की जा सकती है। लेकिन, बैठक का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए।''
लंबे समय से डॉक्टर्स कोलकाता में स्वास्थ्य भवन, राज्य सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टर्स की मांग है कि 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर्स के साथ हुए रेप और मर्डर केस के आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सचिव समेत, कोलकाता पुलिस कमिश्नर आदि के इस्तीफे की भी मांग की गई है।
पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने 10 सितंबर की शाम तक काम पर लौटने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना करते हुए बुधवार को 33 वें दिन भी हड़ताल जारी रखी। प्रदर्शनकारी चिकित्सक पिछले महीने एक सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर दुष्कर्म और हत्या की शिकार एक चिकित्सक को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने सोमवार को प्रदर्शनकारी 'रेजिडेंट डॉक्टरों' को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश देते हुए कहा था कि काम पर लौटने पर उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी।
अदालत ने यह निर्देश तब दिया जब पश्चिम बंगाल सरकार ने उसे आश्वासन दिया कि काम पर लौटने पर प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के खिलाफ दंडात्मक तबादलों सहित कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। राज्य सरकार ने कहा कि उसने प्रदर्शनकारियों को पत्र लिखकर घटना पर गतिरोध को सुलझाने के लिए राज्य सचिवालय नबन्ना में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। हालांकि, प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि बैठक के लिए पत्र राज्य के स्वास्थ्य सचिव का था, जिनका वे इस्तीफा मांग रहे थे और उन्होंने इसे अपमानजनक बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रतिनिधियों की संख्या को 10 तक सीमित करना भी अपमानजनक था। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की जांच कर रही है।