Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

दिल्ली दंगें के आरोपी हैदर को कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत, हैदर का नाम साल 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़ा है

34
Tour And Travels

नई दिल्ली
दिल्ली हाईकोर्ट ने मीरान हैदर नामक जामिया छात्र और राजद युवा विंग के नेता को अतरिंम जमानत दे दी है। हैदर का नाम साल 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़ा है। उसके ऊपर दंगों के दौरान हिंसा को भड़काने का आरोप है। हैदर ने यह जमानत मानवीय आधार पर ली है। उसने बहन के बेटे की मौत (समय से पहले जन्म लेने के की वजह से हुई मौत) का कारण बताते हुए कोर्ट से अपील की थी। आपको बता दें कि उन दंगों से दिल्ली में 53 मौतें और करीब 700 लोग घायल हुए थे। पूरा मामला सीएए और एनआरसी से जुड़े धरना प्रदर्शन के दौरान का था।

बेल के लिए दी गई दलील
हैदर के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि उसकी बहन परिवार में अकेली पड़ गई है। उसके साथ परिवार का कोई अन्य पुरूष सदस्य नहीं है, क्योंकि उसके पति यूएई में काम करते हैं। वकील ने इस बात पर जोर दिया कि हैदर अप्रैल 2020 से जेल में बंद है, उसने इससे पहले कोई भी अंतरिम जमानत नहीं मांगी है। वहीं अदालत में इस प्रॉसीक्यूटर ने जानकारी दी कि उसकी बहन का पति भारत में ही है और रविवार को वापस यूएई जाने वाला है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने दलीलों पर गौर करते हुए कहा कि अदालत इसे उचित मानती है कि उसे राहत दी जाए। इसलिए हैदर को 10 दिन की जमानत की अनुमती दी जाती है।

बेल के दौरान माननी होंगी ये शर्तें
कोर्ट ने हैदर को कुछ जरूरी बातें मानने के लिए भी कहा है। अदालत ने कहा कि जमानत के दौरान हैदर किसी भी गवाह के संपर्क में नहीं आएगा। किसी भी तरह से सुबूत को मिटाने या उनमें छेड़छाड़ का प्रयास नहीं करेगा। साथ ही अदालत ने कहा कि वह जांच अधिकारियों को अपना फोन नंबर देगा और जमानत के दौरान अपना फोन ऑन रखेगा। सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि इस दौरान हैदर किसी भी मीडिया ग्रुप को इंटरव्यू नहीं देगा ना ही उनसे कोई बात करेगा। इसमें सोशल मीडिया भी शामिल है।

साल 2020 के दिल्ली दंगे
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि मीरान हैदर जामिया समन्वय समिति का कॉर्डिनेटर था। उसने साल 2020 में दिल्ली दंगों के दौरान विरोध स्थलों को आयोजित कराने में अहम किरदार निभाया था। पुलिस ने तर्क दिया है कि हैदर का इन गतिविधियों में संलिप्त पाया जाना ही उसके ऊपर यूएपीए और आईपीसी की तमाम धाराओं को उसके ऊपर लगाने के लिए पर्याप्त है। इन्हीं मामलों में उमर खालिद, शरजील इमाम और तमाम अन्य लोगों पर दंगे का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया गया है। आपको बता दें कि इन दंगों से दिल्ली में 53 मौतें और करीब 700 लोग घायल हुए थे। यह पूरा मामला सीएए और एनआरसी से जुड़े धरना प्रदर्शन के दौरान का था।