नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने FASTag से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। नए नियमों के तहत, FASTag उपयोगकर्ताओं को बार-बार रिचार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह बदलाव FASTag के उपयोग में आसानी लाने और ट्रांजैक्शन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए किया गया है। नई व्यवस्था के अनुसार, FASTag खातों को स्वचालित रूप से रिचार्ज करने की सुविधा दी जाएगी, जिससे उपयोगकर्ताओं को बार-बार मनी ट्रांसफर करने की झंझट से राहत मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों के लिए एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत FASTag और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) जैसी सेवाओं के ऑटो-रिप्लेनिशमेंट पर प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही, इन पेमेंट सिस्टम्स को ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में शामिल कर लिया गया है।
इस नए नियम के तहत, जब FASTag या NCMC का बैलेंस एक निर्धारित सीमा से कम होगा, तो आपके खाते से स्वतः पैसे जुड़ जाएंगे। इसका मतलब है कि अब आपको FASTag को बार-बार रिचार्ज करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रकार, FASTag यूज़र्स के लिए रिचार्ज का झंझट समाप्त हो जाएगा।
ई-मेंडेट फ्रेमवर्क का उद्देश्य: ई-मेंडेट फ्रेमवर्क को 2019 में पेश किया गया था, ताकि ग्राहकों को उनके खातों से होने वाली डेबिट की पूर्व सूचना दी जा सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। RBI ने हाल ही में इस फ्रेमवर्क में लचीलापन जोड़ने की जरूरत को स्वीकार किया है, विशेषकर उन स्थितियों में जहां ट्रांजेक्शन नियमित होते हैं, जैसे कि टोल भुगतान और मोबिलिटी कार्ड की रिचार्जिंग।
RBI के 2019 के सर्कुलर में क्या था: 2019 में RBI ने निर्दिष्ट किया था कि कार्डधारक को कार्ड पर वास्तविक शुल्क/डेबिट से कम से कम 24 घंटे पहले प्री-ट्रांजैक्शन नोटिफिकेशन भेजा जाएगा। कार्डधारक को प्री-ट्रांजेक्शन नोटिफिकेशन प्राप्त करने के विभिन्न मोड (जैसे SMS, ईमेल) में से एक चुनने की सुविधा दी जाएगी और इसे बदलने का विकल्प भी उपलब्ध होगा। इस नए नियम के लागू होने से, FASTag और NCMC यूज़र्स को अब प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की चिंता किए बिना, अपने ट्रांजैक्शन्स को सुचारू रूप से प्रबंधित करने की सुविधा प्राप्त होगी।