खंडवा
मध्य प्रदेश में कस्टोडियल डेथ के मामले नहीं थम रहे हैं। खंडवा जिले के पंधाना थाने के लाॅकअप में चोरी के संदेही एक आदिवासी युवक की संदिग्ध मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि युवक ने आत्महत्या कर ली। हालांकि, परिजन पुलिसकर्मियों पर हत्या के आरोप लगा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि जिले के दीवाल गांव में हुई चोरी के मामले में पुलिस 21 अगस्त को धर्मेद्र पिता गुमान सिंह को पूछताछ के लिए थाने लेकर आई थी। पुलिस का दावा है कि युवक ने 20 लाख की चोरी के मामले में खुलासा नहीं किया, लेकिन 18 बाइक चोरी तो स्वीकार कीं। बाइक चोरी स्वीकार की। उसके पास से चोरी की तीन बाइक भी बरामद कर ली थी। बाकी बाइक को वह बेच चुका था।
पुलिस के मुताबिक धर्मेंद्र को लॉकअप में रखा, तो उसने रात को चादर को फाड़कर रस्सी बनाई। फिर बाल्टी पर चढ़कर रोशनदान के सरिए में फंदा बांधकर फांसी लगा ली। घटना के समय थाने में एसआई हिमाल सिंह डामोर, कॉन्स्टेबल नारायण और अनिल थे। उन्होंने उसे फंदे पर लटके देखा, तो उतारकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक धर्मेंद्र के बेटे अर्जुन के मुताबिक पुलिस ने उसके पिता को चार दिन से कस्टडी में लिया था। वहीं, धर्मेंद्र की पत्नी रानू बाई के मुताबिक पुलिस के लोग सिविल ड्रेस में आए थे और उन्होंने पति की बांह पकड़ी और खींचकर साथ ले गए। तीन दिन तक उन्हें लॉकअप में रखा और मिलने तक नहीं दिया। उसका मोबाइल भी पुलिस के पास ही था। उन्होंने दावा किया है कि पति ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि पुलिस ने ही उसे मारकर टांग दिया है।
बहरहाल, मजिस्ट्रेट की निगरानी में पैनल द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। वहीं, घटना को लेकर खंडवा, खरगोन जिले के आदिवासी संगठन भी एक्टिव हो गए हैं। भील समाज संगठन ने सुबह 11 बजे एकत्रित होकर परिवार को न्याय दिलाने की बात कही है।