नर्मदापुरम
मध्यप्रदेश में करीब एक हफ्ते के ब्रेक के बाद बारिश का दौर फिर शुरू हो गया है। भोपाल में सुबह धूप के बाद करीब 11 बजे तेज बारिश हुई। इंदौर समेत कई दूसरे जिलों में भी पानी बरसा।
वहीं, कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश के चलते नर्मदापुरम के तवा डैम का जलस्तर बढ़ गया है। सोमवार रात करीब 9 बजे डैम के 13 में से 3 गेट चार-चार फीट तक खोल दिए गए। जलस्तर बढ़ता देख रात करीब एक बजे दो और गेट खोलने पड़े।
मध्यप्रदेश में अब तक 28.7 इंच पानी गिर चुका है। यह सीजन का 76% है। श्योपुर में सामान्य से दोगुनी बारिश हुई है। मंडला-सिवनी ऐसे जिले हैं, जहां बारिश का आंकड़ा 41 इंच के पार है। मंगलवार को अशोकनगर, छतरपुर, सतना, बालाघाट, धार, खरगोन, देवास, खंडवा और बुरहानपुर में भी तेज बारिश का अलर्ट है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक प्रकाश दामले ने बताया, 'लो प्रेशर एरिया अभी भी एक्टिव है। यह सिस्टम अगले 2 से 3 दिन में आगे बढ़ेगा। इससे प्रदेश के कई जिलों में बारिश होगी। मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी भी बनी रहेगी। बुधवार से स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनेगा।'
बारिश के मामले में जबलपुर संभाग सबसे आगे
प्रदेश में मानसून 21 जून को एंटर हुआ था। अगले 7 दिन में पूरे प्रदेश में मानसून ने आमद दे दी थी। जून में कोटे से कम बारिश हुई, लेकिन जुलाई में अच्छा बरसा। अगस्त के पहले सप्ताह में भी तेज बारिश हुई। इससे प्रदेश में सीजन का 76% प्रतिशत पानी गिर गया।
बारिश के मामले में जबलपुर संभाग सबसे आगे है। मंडला में सबसे ज्यादा 42 इंच और सिवनी में 41 इंच बारिश हो चुकी है। भोपाल और नर्मदापुरम संभाग भी बेहतर स्थिति में है। भोपाल में 33 इंच पानी गिर चुका है, जो सीजन का 90% तक है।
प्रदेश के 20 जिलों में 30 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है। बारिश के मामले में श्योपुर जिला भी आगे हैं। इंदौर, उज्जैन और रीवा संभाग में कम बारिश हुई है।