नई दिल्ली
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर की हत्या को लेकर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि ममता बनर्जी को तेरा मेरा की राजनीति बंद करें। ममता सरकार सरकार महिला डॉक्टर को इंसाफ दिलाएं। ममता बनर्जी दोषियों पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि परिवार को मुआवजा नहीं न्याय चाहिए। उन्होंने कहा कि जब सबकुछ ममता बनर्जी हैं तो प्रदर्शन कैसा? इसके अलावा ईरानी ने कहा कि पुलिस ने मामले में लीपापोती को कोशिश क्यों की?
भाजपा नेता ने सवाल किया कि पीड़िता की मदद के लिए कोई आगे क्यों नहीं आया। स्मृति ईरानी कहती हैं, "सवाल यह उठता है कि क्या उस फ्लोर पर किसी ने उस महिला की चीखें नहीं सुनीं? मीडिया रिपोर्ट्स से यह भी पता चला है कि उस महिला में 150 मिलीग्राम वीर्य पाया गया था। क्या यह एक बलात्कारी का काम है? क्या यह संभव था कि एक व्यक्ति उस महिला का बलात्कार कर रहा था, उसके पैर तोड़ रहा था, उसके हाथ तोड़ रहा था, उसकी आँखें निकाल रहा था, उसकी छाती पर वार कर रहा था, उसके पेट पर वार कर रहा था और वह महिला चीख रही थी और किसी ने उसकी आवाज़ नहीं सुनी? और यह पूरा कृत्य एक बलात्कारी ने अकेले किया? वह कौन है जिसकी वजह से अस्पताल में बलात्कारी को यह भरोसा दिलाया गया कि वह बलात्कार करने के बाद घर जा सकता है? वह कौन है जिसने इतने जघन्य अपराध के बाद भी अस्पताल की उसी मंजिल पर जीर्णोद्धार जारी रखा? उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई जिसने इस महिला के माता-पिता को फोन करके बताया कि लड़की ने आत्महत्या कर ली है? उस अधिकारी को किसने निर्देश दिया कि वह लड़की के माता-पिता को बताए कि यह आत्महत्या है? अगर वह अधिकारी उसका वरिष्ठ अधिकारी है, तो वह इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचा?…"
दिल्ली में पांचवें दिन भी जारी रही डॉक्टरों की हड़ताल
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को पांचवें दिन भी जारी रही। इस दौरान अस्पतालों में सभी वैकल्पिक सेवाएं निलंबित रहीं। अभी तक अपने-अपने अस्पतालों के परिसरों में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक आज निर्माण भवन के बाहर जुटे और प्रदर्शन कर विरोध जताया। निर्माण भवन लुटियंस दिल्ली में संसद के पास स्थित है और यहां अन्य विभागों के अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय का भवन भी स्थित है। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चिकित्सकों ने निर्माण भवन के बाहर सड़क के किनारे प्रदर्शन किया। अपने हाथों में पोस्टर और बैनर लिए हुए चिकित्सकों ने नारे लगाते हुए अपनी सुरक्षा के प्रति गुस्सा और चिंता व्यक्त की। पुलिस ने प्रदर्शन के मद्देनजर सड़क के दोनों ओर बैरिकेड लगाये थे।
रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. राहुल ने कहा, "इस भयावह घटना को घटे एक सप्ताह बीच चुका है। हम पांच दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह अकल्पनीय है कि एक चिकित्सक जो जीवन बचाता है, के साथ निर्ममता से बलात्कार कर हत्या कर दी गई। न्याय और सुरक्षा उपायों के लिए हमारी मांगें अनुचित नहीं हैं। वे आवश्यक हैं।" बड़ी संख्या में चिकित्सकों के प्रदर्शन में शामिल होने के कारण कई मार्ग बाधित हुए। इस बीच प्रतिनिधिमंडल के छह सदस्य सरकारी अधिकारियों से मिलने के लिए निर्माण भवन के अंदर चले गए हैं जबकि चिकित्सक विरोध में सड़क पर बैठे हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के प्रतिनिधियों की एक व्यापक संयुक्त बैठक के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। बैठक में एम्स, राममनोहर लोहिया अस्पताल, डीडीयू अस्पताल आदि की आरडीए ने शिरकत की थी।