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बाहरी लोगों को नहीं मिलेगी असम में सरकारी नौकरी? डोमिसाइल पॉलिसी की तैयारी में हिमंत बिस्व सरमा सरकार

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 नई दिल्ली

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा जल्द ही एक ऐसा कानून लाने की तैयारी में है जिसके तहत असम में पैदा हुए लोग ही राज्य की सरकारी नौकरी के लिए पात्र होंगे. सरमा ने कहा कि जल्द ही एक नई डोमिसाइल पॉलिसी पेश की जाएगी.उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले किए वादे के अनुसार दी गई 'एक लाख सरकारी नौकरियों' में असम के लोगों को प्राथमिकता मिली है, जो पूरी सूची प्रकाशित होने पर स्पष्ट होगी. उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्द है.

कांग्रेस सरकार पर लगाया आरोप

सीएम हिमंत ने इस दौरान कांग्रेस पर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में पुलिस विभाग में 30% नौकरियों में एक विशेष समुदाय को नियुक्ति दी गई थी. लेकिन जब हम एक लाख लोगों को नौकरी देंगे तो हम इसका पूरा डेटा पब्लिश करेंगे. वहीं, सरमा ने यह भी दावा किया कि लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के कारण बीजेपी 2026 में राज्य में सत्ता में लौटेगी.

लव जिहाद पर होगी और सख्ती

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य सरकार जल्दी ही 'लव जिहाद' से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास का कानून लाने की तैयारी में है. प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए उन्होंने कहा, 'हमने चुनाव के दौरान 'लव जिहाद' के बारे में बात की थी. हम जल्द ही एक कानून लाएंगे, जिसमें ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा होगी.' सरमा ने दावा किया कि लव जिहाद एक वास्तविक और गंभीर मुद्दा है, जिसमें जबरन धर्म परिवर्तन और धोखे से प्रेम संबंध बनाना शामिल है. बता दें कि यूपी विधानसभा ने भी लव जिहाद से जुड़े मामले में आजीवन कारावास की सजा तय की है.

वहीं, सीएम हिमंत ने कहा कि असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जमीन की बिक्री के संबंध में भी फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार इसे रोक नहीं सकती, लेकिन खरीद-बिक्री से पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेना जरूरी कर दिया गया है.