Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

दमोह में दो युवक मछली पकड़ने गए थे, लेकिन बारिश के कारण नदी में फसे, 24 घंटे तक पेड़ पर चढ़कर बचाई जान

31
Tour And Travels

दमोह
दमोह जिले के बटियागढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत केरबना गांव में दो युवक नदी में फस गए और 24 घंटे तक पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। एसडीआरएफ की टीम ने सोमवार सुबह इन्हे नदी से बाहर निकाला। दोनों युवक रविवार सुबह मछली पकड़ने गए थे, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ गई और यह दोनों वहां फंस गए और एक पेड़ पर चढ़ गए।

सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन पानी का बाहर तेज होने के चलते और रात हो जाने के बाद रेस्क्यू रोकना पड़ा। सोमवार सुबह 5 बजे पुनः रेस्क्यू चलाकर इन दोनों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। जानकारी के अनुसार केरबना गांव निवासी सुनील पादरी, संजय पादरी 35 रविवार सुबह सात बजे बेबस नदी में मछली मारने गए थे। शनिवार रात से लगातार हो रही बारिश के कारण बेबस नदी में बाढ़ आ गई और यह दोनों युवक उसमें फस गए।

स्थानीय लोगों ने युवकों को नदी में फंसा हुआ देखा तो तत्काल ही बटियागढ़ पुलिस, जिला प्रशासन को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष कुमार जैन एसडीआरएफ टीम के साथ मौके पर पहुंचे और रेशक्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। एसडीआरएफ की टीम लगातार प्रयास करती रही, लेकिन नदी का बहाव काफी तेज था पेड़ पर बैठे युवकों के पास पहुंचना मुश्किल हो रहा था। अंधेरा होने तक नदी का बहाव कम नहीं हुआ और रात में रेस्क्यू ऑपरेशन बंद करना पड़ा।

लेकिन पथरिया एसडीएम, बटियागढ़ तहसीलदार, होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट के साथ केरबना पुलिस और एसडीआरएफ के सभी लोग रात में मौके पर मौजूद रहे ताकि इन दोनों युवकों पर नजर रखी जा सके। रात में पगरा डैम के गेट बंद किए गए ताकि नदी के उफान को कम किया जा सके। रात में बारिश कम होने के कारण नदी का बहाव भी कम हो गया। इसके साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा हेलीकॉप्टर बुलाने की भी तैयारी की जा रही थी। सुबह 5 बजे एसडीआरएफ की टीम के द्वारा पुनः रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और दोनों युवकों को पेड़ से नीचे उतार कर सुरक्षित नदी से बाहर निकल गया।

हेलीकॉप्टर के आने के पहले ही टीम ने इन दोनों लोगों की जान बचा ली। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारी वापस रवाना हुए। इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में होमगार्ड प्लाटून कमांडर योगेश विश्वकर्मा, हवलदार शैलेंद्र के साथ एसडीआरएफ टीम के सदस्यों का सहयोग रहा।