Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

किशोर दा की समाधी पर लगाया दूध-जलेबी का भोग

33
Tour And Travels

खंडवा

 1979 में आई फिल्म मंजिल का दिलकश गीत रिमझिम गिरे सावन, सुलग-सुलग जाए मन… रविवार (4 अगस्त) को तब फिर जीवंत हो उठा, जब सावन की रिमझिम फुहारों के बीच किशोर दा की समाधि पर उनके प्रशंसक जुटे। अपने प्रशंसकों को देख किशो दा ने समाधि में विश्राम करते-करते ही यह गीत गुनगुनाया होगा और यूडलिंग करते हुए सुख और गम के मिलेजुले भाव में डूब गए होंगे।

दरअसल, खंडवा में जन्मे महान पार्श्व गायक किशोर दा की रविवार को जन्मजयंती होने से दूरदराज से सैकड़ों प्रेमी उनकी समाधि पर जुटे। यहां सबने खुशबूदार पुष्प अर्पित किए। इस दौरान रिमझिम बारिश होती रही, तो ऐसा लगा मानो इस मौसम में किशोर दा का मन फिर कहा उठा हो- भीगें आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन।

किशोर दा की जन्म जयंती पर खंडवा में उनके चाहने वाले मुंबई, अकोला, गुजरात सहित मध्य प्रदेश के कई शहरों से उनके प्रशंसक पहुंचे। नगर निगम द्वारा समाधि को फूलों से सजाया गया। किशोर दा कहा करते थे- दूध, जलेबी खाएंगे और खंडवा में बस जाएंगे, इसलिए उनकी समाधि पर दूध, जलेबी का भोग भी लगाया गया।

समाधि पर स्वरांजलि देने के लिए पार्श्व गायक मिलन सिंह और श्रीजीत भी पहुंचे। दोनों ने मंच से किशोर कुमार के गीतों की प्रस्तुति दी। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी समाधि पर पुष्प अर्पित करके गीत गुनगुनाया।

यहां कलेक्टर अनुपकूमार सिंह और एसपी मनोज कुमार राय ने भी प्रस्तुति दी। दूर-दूर से आए किशोर प्रेमियों ने मंच से एक से बढ़कर गीत प्रस्तुत किए। किशोर दा के जन्मदिन पर शहरभर में अलग अलग संस्थाओं द्वारा संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।