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जाति पूछे बिना जातिगत जनगणना का फॉर्मूला बताएं राहुल गांधी: हिमंत

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जमशेदपुर.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जाति का खुलासा किए बिना जाति आधारित गणना कैसे हो सकती है? कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर इसका कोई फॉर्मूला है तो वह बताएं। हिमंत ने कहा कि राहुल गांधी देश में जाति आधारित गणना की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी जाति का खुलासा नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे कराया। यह पूरे देश में कराया जाएगा या नहीं, यह अलग बात है। लेकिन जाति बताए बिना यह कैसे होगा? राहुल गांधी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जाति पूछ सकते हैं, लेकिन हम उनकी जाति के बारे में सवाल नहीं कर सकते। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि देश में कहीं भी घुसपैठ को रोकना केवल केंद्र सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है। यह राज्य की जिम्मेदारी है। भाजपा के झारखंड के चुनाव सह प्रभारी ने कहा कि झारखंड में संथाल परगना क्षेत्र घुसपैठ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां घुसपैठियों की आबादी 50-60 फीसदी तक बढ़ गई है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले 20 साल में असम जैसे हालात हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि असम में घुसपैठ के चलते मुस्लिम आबादी 1952 में 12 फीसदी थी जो अब बढ़कर 40-42 प्रतिशत हो गई है। यही झारखंड में हो रहा है। अगर ऐसा हेाता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यहां के मुख्यमंत्री को घुसपैठियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। राज्य को बचाने की जिम्मेदारी हर किसी की है। राज्य सरकार को इस मुद्दे पर आम सहमति बनानी चाहिए और घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की पहल करनी चाहिए। हिमंत ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घुसपैठ के लिए बार-बार केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है। कहा है कि इसे रोकना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। राजनीति जारी रहेगी। सरकारें आएंगी और जाएंगी, लेकिन राज्य बचाना सबकी जिम्मेदारी है।

दो दिन के झारखंड दौरे पर हैं सरमा
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा दो दिवसीय झारखंड दौरे पर हैं। उनकी तरफ से गुरुवार को आरोप लगाया कि झारखंड सरकार ने उन्हें पाकुड़ जिले के गोपीनाथपुर गांव जाने से रोका। अगर कोई मुख्यमंत्री वहां नहीं जा सकता, तो आम लोगों की स्थिति की कल्पना की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा पाकुड़ में केकेएम कॉलेज भी जाएंगे, जहां 26 जुलाई की रात को आदिवासी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जिसमें छह पुलिसकर्मियों समेत 15 लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा, वह उन क्षेत्रों का निरीक्षण करने की योजना बना रहे हैं, जहां कथित तौर पर बांग्लादेशी घुसपैठियों ने जिले में आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर लिया है।