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EPFO ने पर्सनल जानकारी को सही करने के लिए नई SOP गाइडलाइन जारी किया

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मुंबई

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों के PF अकाउंट को लेकर नया नियम पेश किया है. यह बदलाव सभी पीएफ खाताधारकों के लिए है. अगर आप भी एक पीएफ अकाउंट होल्‍डर्स हैं तो आपके लिए ये नियम पेश किया गया है. ईपीएफओ ने पीएफ अकाउंट्स में उनके विवरण को सही करने, अपडेट करने के लिए कुछ नए नियम पेश किए हैं. आइए जानते हैं EPFO की तरफ से किस नियम को पेश किया गया है?

EPFO ने पर्सनल जानकारी जैसे नाम, डेट ऑफ बर्थ को सही करने के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) गाइडलाइन जारी किया है. जिसके तहत सदस्‍यों के प्रोफाइल को अपडेट करने के लिए एसओपी वर्जन 3.0 की मंजूरी दे दी गई है. अब इस नए नियम के बाद UAN प्रोफाइल में अपडेट या सुधार के लिए दस्‍तावेज देने होंगे. साथ ही डिक्‍लेयरेशन देकर आवेदन कर सकते हैं.

ईपीएफओ ने अपने गाइडलाइन में कहा कि अक्‍सर देखा जाता है कि कई तरह की गलतियां होती हैं, जिसे सुधारने के लिए लोगों को बड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. यह परेशानी डेटा अपडेट नहीं होने के कारण होता है. ऐसे में ये गाइडलाइन पेश की गई है.

दो कैटेगरी में होंगे बदलाव
नए गाइडलाइन के मुताबिक, नए निर्देश के तहत ईपीएफओ ने प्रोफाइल में होने वाले बदलावों को मेजर और माइनर श्रेणियों में बांटा है. माइनर बदलावों को संयुक्त घोषणा रिक्वेस्ट के साथ कम से कम दो जरूरी दस्तावेज पेश करने होंगे. वहीं बड़े यानी मेजर सुधार के लिए कम से कम तीन आवश्यक दस्तावेज सबमिट करने होंगे. इसमें फील्ड कार्यालयों को सदस्यों की प्रोफाइल को अपडेट करने में ज्यादा सावधानी बरतने को कहा गया है, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या धोखाधड़ी ना हो सके.

दूसरी ओर, बड़े बदलावों के लिए कम से कम तीन जरूरी दस्तावेज देने होंगे. यह ध्यान रखना जरूरी है कि आधार से जुड़े बदलावों के मामले में, आधार कार्ड या एक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़ा ई-आधार कार्ड सहायक दस्तावेज के तौर पर काफी होगा.

किस बदलाव के लिए कितने दस्‍तावेज  

    छोटे बदलाव के लिए दस्तावेजों की सूची में से कम से कम दो दस्तावेजों की आवश्यकता है.
    बड़े बदलाव के लिए दस्तावेजों की सूची में से कम से कम तीन दस्तावेज की आवश्यकता है.

बता दें ईपीएफ सदस्‍यों के पास सदस्‍य ई-सर्विस पोर्टल के माध्‍यम से सुधार के लिए संयुक्‍त डिक्‍लेयरेशन पेश करने का विकल्‍प है. यह ध्‍यान रखना महत्‍वपूर्ण है कि सुधार केवल वर्तमान नियोक्‍ता की ओर से मैनेज किए जा रहे ईपीएफ अकाउंट से संबंधित डेटा में ही किए जा सकते हैं. नियोक्ताओं के पास पिछले या अन्य प्रतिष्ठानों के ईपीएफ खातों में कोई भी बदलाव करने का अधिकार नहीं है. ईपीएफओ ने कहा कि सदस्य को अपने रजिस्‍टर्ड पोर्टल लॉगिन से जेडी आवेदन जमा करने की जिम्मेदारी होगी.