सिरोही.
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या 2 आबूरोड की न्यायाधीश ग्रीष्मा शर्मा द्वारा सवा चार साल पहले मावल गांव में हुई 1 व्यक्ति की हत्या के मामले में 7 में से 6 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इस मामले में 1 आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि इस मामले में आबूरोड रीको पुलिस द्वारा 12 अप्रैल 2020 को मामला दर्ज किया गया था। न्यायालय द्वारा इसमें 7 आरोपियों में से 6 आरोपियों को हत्या का दोषी माना गया हैं। अपने निर्णय में दोषियों को आजीवन कारावास तथा 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है तथा 1 आरोपी को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया हैं। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने अपने प्रकरण को साबित करने के लिए 10 गवाह करवाकर 54 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ग्रीष्मा शर्मा द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्तुत तर्कों से सहमति जताते हुए 6 आरोपियों को दोषी करार दिया गया जबकि, वीर पुत्र रतन को संजय का लाभ देकर दोष मुक्त कर दिया गया।
12 अप्रैल 2020 को घर पर सो रहे व्यक्ति की लाठियों से पीटकर की थी हत्या
पुलिस के अनुसार 12 अप्रैल 2020 की शाम 7:30 बजे मावल निवासी प्रार्थी पुखराज पुत्र कान्हाजी भील रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि शाम 5 बजे उसके चाचा के घर पर सो रहे थे तब वह उसके चाचा भंवरजी एवं उनका लड़का महेंद्र सब घर पर ही थे। उसी दौरान उनकी जाति के दिनेश पुत्र थावर, वीर पुत्र रत्न, दिनेश पुत्र मूल, ललित पुत्र थावरा, प्रकाश पुत्र थावरा एवं विक्रम पुत्र थावरा आदि लकड़ी लेकर आए और आते ही उसके चाचा भंवर का दिनेश पुत्र थावरा वीर पुत्र रत्न भील ने जोर से गला दबाया। इससे चाचा बेहोश हो गए बीच बचाव में महेंद्र के सर में लकड़ी की चोट मारी उनके जोर से चिल्लाने पर सभी आरोपी वहां से भाग गए। इलाज के दौरान चाचा भंवरलाल की मौत हो गई।