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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तम्बाकू सेवन छोड़ने में करोड़ों लोगों की मदद के लिए जारी किया दिशा-निर्देश

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नई दिल्ली, 3जुलाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तम्बाकू सेवन से छुटकारा पाने की चाह रखने वाले लोगों के लिए, पहली बार कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इनमें अनेक तरह की पहलें, उपचार और डिजिटल कार्यक्रमों की सिफ़ारिश की गई है.

जारी ये सिफ़ारिशें दुनिया भर में उन लगभग 75 करोड़ वयस्कों को फ़ायदा पहुँचा सकती हैं, जो तम्बाकू सेवन के सभी तरीक़ों से छुटकारा पाना चाहते हैं. इनमें सिगरेट, हुक्का प्रयोग, धुआँ रहित तम्बाकू उत्पाद, सिगार और गर्म तम्बाकू उत्पाद शामिल हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस का कहना है, “ये दिशा-निर्देश, इन ख़तरनाक उत्पादों के ख़िलाफ़ हमारी वैश्विक जंग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं.” “ये दिशा-निर्देश देशों को, तम्बाकू सेवन छोड़ने वाले लोगों की असरदार मदद करने और तम्बाकू सम्बन्धित बीमारियों के वैश्विक बोझ को कम करने में, ज़रूरी उपकरणों से सशक्त बनाते हैं.“

दुनिया भर में लगभग 75 करोड़ लोग, तम्बाकू सेवन से छुटकारा चाहते हैं. ये संख्या तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों की कुल संख्या – सवा अरब की लगभग 60 प्रतिशत है. मगर इनमें से अधिकतर लोगों के पास संसाधनों की कमी के कारण, ऐसी सुविधाओं तक पहुँच नहीं है, जो उन्हें तम्बाकू सेवन की लत से छुटकारा पाने में मदद करें.

WHO में स्वास्थ्य प्रोत्साहन के निदेशक रुडिगेर क्रेश ने ज़ोर देकर कहा है कि तम्बाकू सेवन से छुटकारा पाने की कोशिश करने वाले लोगों को जिस स्तर के संघर्ष और चुनौतियों का सामना पड़ता है, उसे नज़रअन्दाज़ नहीं किया जाना चाहिए. उनका कहना है, “इस लत से छुटकारा पाने में जो साहस लगता है, और ऐसा करने वालों व उनके परिवारों को जिस तकलीफ़ से गुज़रना पड़ता है, उसकी हमें सराहना करनी चाहिए.”

“ये दिशा-निर्देश उन समुदायों और सरकारों की मदद करने के लिए तैयार किए गए हैं जो, इस चुनौतीपूर्ण यात्रा पर लोगों की सर्वश्रेष्ठ और यथासम्भव मदद मुहैया करा सकें.” WHO ने अपने दिशा-निर्देशों में उपचार और व्यहारात्मक बदलाव सम्बन्धी कार्यक्रमों को शामिल किया है जो, तम्बाकू सेवन से छुटकारा पाने में महत्वपूर्ण सफलता दर दिखा सकते हैं.

इन दिशा-निर्देशों में देशों को, ये उपचार मुफ़्त या बहुत कम लागत के साथ मुहैया कराने के लिए प्रोत्साहित किया गया है ताकि इनकी पहुँच व्यापक हो, विशेष रूप से निम्न और मध्य आय वाले देशों में. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने, व्यवहारात्मक बदलाव के लिए, स्वास्थ्यकर्मियों के साथ संक्षिप्त परामर्श सत्रों आयोजित किए जाने की सिफ़ारिश की है, जो 30 सेकंड से तीन मिनट तक, स्वास्थ्य देखभाल माहौल में हों.

अन्य अधिक सघन देखभाल विकल्पों में, व्यक्तिगत, समूह या फ़ोन परामर्श सत्रों की भी सिफ़ारिश की गई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि इनके अतिरिक्त निजी सहायता और स्व-प्रबन्धन उपकरणों के रूप में डिजिटल विकल्पों का भी प्रयोग किया जा सकता है, जिनमें फ़ोन सन्देश, स्मार्टफोन ऐप और इंटरनैट कार्यक्रम शामिल हैं.