नई दिल्ली ,18 जून.सुप्रीम कोर्ट में NEET UG विवाद पर ग्रेस मार्क्स से जुड़ी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। यह केस जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्टी की वैकेशन बेंच के सामने रखा गया। कोर्ट ने कहा- अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते हैं। घोटाले से जुड़ी याचिकाओं को 8 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया गया है। वकीलों से भी उसी दिन सभी मामलों पर बहस करने के निर्देश दिए हैं।
बेंच ने सरकार और NTA से यह भी कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है।
13 जून को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट के स्कोर कार्ड निरस्त होंगे और बिना ग्रेस मार्क्स के स्कोर कार्ड जारी किए जाएंगे।
4 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET का रिजल्ट घोषित किया था। पहली बार ऐसा हुआ है जब 67 कैंडिडेट को 720 में से 720 नंबर मिले हैं। 1563 कैंडिडेट्स की 23 जून को दोबारा परीक्षा हालांकि विवाद कोर्ट तक पहुंचने के बाद NTA ने 13 जून को सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट के स्कोर कार्ड निरस्त होंगे। 23 जून को दोबारा एग्जाम कराया जाएगा। 30 जून को रिजल्ट आएगा। जो स्टूडेंट एग्जाम न देना चाहें, उसके मार्क्स से ग्रेस मार्क्स माइनस करने के बाद फाइनल स्कोर कार्ड जारी किया जाएगा।
NEET की इन्फॉर्मेशन बुलेटिन में ग्रेस मार्किंग का जिक्र नहीं है। NTA ने भी रिजल्ट जारी करते वक्त इसकी जानकारी नहीं दी थी। रिजल्ट आने के बाद कैंडिडेट्स ने सवाल उठाए, तब NTA ने बताया कि ‘लॉस ऑफ टाइम’ की वजह से कुछ बच्चों को ग्रेस मार्क दिए गए हैं। ग्रेस मार्क किस फॉर्मूले के तहत दिए गए, इस बारे में NTA ने कुछ नहीं बताया।