चीनी कोस्टगार्ड ने सोमवार को कहा कि फिलीपींस का जहाज लगातार चेतावनी की अनदेखी करता रहा और आक्रमक तरीके से बढ़ता रहा जिसकी वजह से ये हादसा हुआ। चीन और फिलीपींस के जहाजों के बीच सोमवार सुबह साउथ चाइना सी में टक्कर हो गई। दोनों देशों ने एक दूसरे पर इस घटना का आरोप लगाया है। हालांकि इस घटना में कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी अब तक किसी भी पक्ष ने नहीं दी है। चीनी कोस्टगार्ड के बयान के मुताबिक फिलीपींस के जहाज ने सेकेंड थॉमस शोल के करीब से एंट्री की थी। ये स्प्रैटली आइलैंड्स में एक जलमग्न चट्टान है। इस आइलैड्स पर 6 देश अपना दावा करते हैं।
चीन के आरोप का फिलीपींस ने खंडन किया है। फिलीपींस आर्म्ड फोर्स के चीफ जेरेक्स त्रनिदाद ने कहा कि चीन का बयान झूठ से भरा और गुमराह करने वाला है। उन्होंने कहा कि चीनी कोस्टगार्ड का आक्रमक रवैया क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है।
मिलिट्री अधिकारी ने आगे कहा कि सेकेंड थॉमस शोल उसके समुद्र तट से 200 नॉटिकल मील (लगभग 370 किलोमीटर) से भी कम दूरी पर स्थित है। यह इलाका उसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विशेष आर्थिक क्षेत्र में पड़ता है।
चीन और फिलीपींस के बीच ये तनाव लंबे समय से जारी है। इस पहले बीते साल भी चीनी और फिलीपींस के जहाजों की टक्कर हुई थी। तब फिलीपींस के तटरक्षकों ने आरोप लगाया था कि चीनी कोस्टगार्ड ने विवादित शोल क्षेत्र में उसके तीन जहाजों पर पानी की बौछार की और उनमें से एक जहाज को टक्कर मार दी, जिससे जहाज के इंजन को गंभीर क्षति पहुंची।
चीन ने दक्षिणी चीन सागर में अपने दबदबे को कायम करने के लिए एक नया मैरीटाइम कानून बनाया है। इसे शनिवार को लागू कर दिया गया। अलजजीरा के मुताबिक, दक्षिण चीन सागर में घुसपैठ के गंभीर मामलों में चीन आरोपी को 60 दिन तक बिना ट्रायल के हिरासत में रख सकेगा। दरअसल, चीन पूरे साउथ चाइना सी को अपना हिस्सा बताता है।