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अनुराग ठाकुर ही नहीं, राज्य की सरकार का भी होगा फैसला, हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट के समीकरण क्या हैं? यहाँ देखें –

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शिमला, 18 मार्च। लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. देश में सियासी माहौल है. हिमाचल प्रदेश में भी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं. हिमाचल प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा दोनों के लिए हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में काफी कुछ दांव पर है, क्योंकि जिन छह विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं उनमें से चार सीट इसी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं. विधानसभा की ये छह सीट कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हो गई थीं. लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा की इन सीट पर उपचुनाव होंगे. विधानसभा उपचुनाव के नतीजों से राज्य सरकार का भी फैसला होगा क्योंकि छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के साथ, 68 सदस्यीय विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष सहित पार्टी के सदस्यों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है. विधानसभा में 25 सदस्यों वाली भाजपा को तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है.

अनुराग ठाकुर हैं मैदान में: मौजूदा भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पांचवीं बार हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा बिलासपुर (सदर) सीट का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जो कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. वहीं, विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो यहाँ से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, दोनों हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में नादौन और हरोली विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

राज्य सरकार का भी होगा फैसला: खाली हुई ये छह सीट सरकार गिरा सकती हैं या बना सकती हैं क्योंकि सदन में बहुमत के लिए 35 विधायकों की जरूरत है. उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन भाजपा के लिए कठिन चुनौती है क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में इन सभी बागियों ने भाजपा उम्मीदवारों को हरा दिया था. वहीं, इन सीट पर कांग्रेस को नए उम्मीदवारों की तलाश करनी होगी.

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा, ‘‘इन छह विधायकों को राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करने के कारण अयोग्य ठहराया गया था. टिकट देते समय इस तथ्य को ध्यान में रखा जाएगा. हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा.’’ एक जून को जिन छह विधानसभा सीट पर मतदान होने जा रहा है, उनमें से चार का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के बागी राजिंदर राणा (सुजानपुर), इंदर दत्त लखनपाल (बड़सर), चैतन्य शर्मा (गगरेट) और देविंदर कुमार भुट्टो (कुटलेहर) कर रहे थे. ये सभी सीट हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आती हैं. दो सीटें क्रमशः कांगड़ा और मंडी लोकसभा सीट के अंतर्गत आती हैं. इनमें कांगड़ा के अंतर्गत धर्मशाला विधानसभा सीट पर सुधीर शर्मा तथा मंडी के तहत लाहौल और स्पीति विधानसभा सीट पर रवि ठाकुर ने जीत हासिल की थी.

कांग्रेस के ये छह बागी विधानसभा में कटौती प्रस्ताव और वित्त विधेयक (बजट) पर मतदान से अनुपस्थित रहे थे. उन्हें विधानसभा में उपस्थित रहने और सरकार के पक्ष में मतदान करने से जुड़े पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करने पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था. तीन निर्दलीय सहित नौ विधायकों ने हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था.

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार लोकसभा उम्मीदवार और विधानसभा उम्मीदवारों के लिए व्यय सीमा क्रमशः 95 लाख रुपये और 40 लाख रुपये होगी. अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है और सुनवाई 18 मार्च को होनी है.