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रविवार को रखा जायेगा फाल्गुन अमावस्या व्रत , इस शुभ मुहूर्त में करें स्नान-दान और पूजा-पाठ

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नई दिल्ली,09 मार्च। धर्म शास्त्रों में सभा तिथियों के महत्व के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया है. इनमें से एक तिथि है, अमावस्या तिथि जिसे सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. बता दें कि अमावस्या तिथि के दिन पूजा-पाठ, स्नान-ध्यान और श्राद्ध कर्म करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और कई प्रकार के रोग दोष इत्यादि दूर हो जाते हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या व्रत 10 मार्च 2024, रविवार के दिन रखा जाएगा. शिवरात्रि व्रत के बाद इस व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. आइए जानते हैं, फाल्गुन अमावस्या पूजा-मुहूर्त और स्नान-दान समय

फाल्गुन अमावस्या 2024 पूजा मुहूर्त :
फाल्गुन अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान का विशेष महत्व है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:55 से सुबह 05:46 तक रहेगा. इसके साथ प्रातः पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05:30 से सुबह 06:36 के बीच रहेगा. अभिजीत मुहूर्त में दान पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:08 से दोपहर 12:55 के बीच रहेगा. साथ ही इस दिन साध्य योग का निर्माण हो रहा है, जो शाम 04:14 तक रहेगा. बता दें कि फाल्गुन अमावस्या के दिन संध्या पूजा शाम 06:27 से शाम 07:40 के बीच की जाएगी.

फाल्गुन अमावस्या के दिन जरूर करें यह खास उपाय:
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की उपासना जरूर करनी चाहिए. इस दिन सुबह जल्दी उठकर पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और संध्या काल में वृक्ष के नीचे दीपक जरूर जलाएं. साथ ही 05 से 07 बार वृक्ष की परिक्रमा करें. ऐसा करने से सुख-समृद्धि आती है.

2. अमावस्या तिथि के दिन तर्पण इत्यादि का भी विशेष महत्व है. इसलिए किसी धार्मिक स्थल पर या पवित्र नदी के किनारे स्नान-ध्यान, तर्पण इत्यादि कर्म जरूर करें. ऐसा करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है और पितर प्रसन्न होते हैं.

3. अमावस्या तिथि के दिन कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए भी कुछ उपायों का उल्लेख किया गया है. इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना करें और महादेव को गंगाजल व काला तिल अर्पित करें. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

4. शनि दोष के संदर्भ में यह बताया गया है कि कालसर्प दोष के दिन अपनी लंबाई के बराबर कच्चा सूत काटकर पीपल के विश्व के चारों ओर लपेट देना चाहिए. इस उपाय का पालन करने से शनि के दुष्प्रभाव से छुटकारा मिलता है और कार्य व व्यापार क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.