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डिजीलॉकर के जरिए खेल प्रमाणपत्र जारी करने से कई लाभ होंगे- अनुराग सिंह ठाकुर

युवा मामले और खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को अधिक पारदर्शिता के लिए केवल डिजीलॉकर के जरिए एथलीटों को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है

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नई दिल्ली, 1 मार्च। देश में खिलाड़ियों को योग्यता और भागीदारी प्रमाणपत्र जारी करने में अधिक पारदर्शिता और दक्षता लाने के उद्देश्य से, युवा मामले और खेल मंत्रालय ने सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय के प्रौद्योगिकी पहल डिजिलॉकर के माध्यम से प्रमाणपत्र जारी करके तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने का निर्देश दिया है।

युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि इस साल 1 जून से डिजिलॉकर के माध्यम से खेल महासंघों की ओर से जारी किए गए प्रमाणपत्र ही मान्य होंगे और जारी किए गए किसी भी भौतिक प्रमाणपत्र को सरकार और अन्य लाभों के लिए मान्यता नहीं दी जाएगी। श्री ठाकुर ने कहा कि उन्होंने महासंघों को सलाह दी है कि उनकी संबद्ध इकाइयां भी अगले साल 1 जनवरी से डिजीलॉकर के माध्यम से ही प्रमाणपत्र जारी करना शुरू कर दें।

अनुराग सिंह ठाकुर ने यह भी कहा कि डिजीलॉकर के माध्यम से खेल प्रमाणपत्र जारी करने से कई लाभ होंगे। इनमें प्रमाणपत्र पाने और उन्हें कहीं भेजने में आसानी, दस्तावेज की भौतिक प्रतियां रखने की जरूरत नहीं होना, दस्तावेजों के भंडारण और सत्यापन के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना, उनकी शुद्धता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करना शामिल है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की ऐसी पद्धति प्रशासनिक बोझ को कम करेगी, योग्य खिलाड़ियों को प्रमाणपत्र वितरित करने में लगने वाले समय को कम करेगी और कदाचार की गुंजाइश को खत्म करने में तकनीकी प्रगति के उपयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता भी जाहिर होगी।

अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि वर्तमान में लगभग सभी शैक्षणिक और सरकारी प्रमाणपत्र डिजीलॉकर के माध्यम से निर्बाध रूप से जारी किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए, यह स्वाभाविक है कि महासंघों और उनकी संबद्ध इकाइयों की ओर से डिजीलॉकर के माध्यम से जारी किए गए खेल योग्यता और भागीदारी प्रमाणपत्र खिलाड़ियों और अन्य हितधारकों के लिए सुलभ हैं।

ठाकुर ने कहा कि ये प्रमाणपत्र खिलाड़ियों की उनके संबंधित खेलों में प्रतिबद्धता, प्रयास और उपलब्धियों का प्रमाण हैं और वर्तमान में ये पुराने और अकुशल पारंपरिक तरीकों से प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने खेल महासंघों से कहा कि खेल, विशेषकर खिलाड़ियों के हित में वे इसके लिए जरूरी प्रौद्योगिक आधारित उपकरण और समाधान की व्यवस्था कर लें।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मंत्रालय इस उद्देश्य के लिए 30 अप्रैल तक विकसित बुनियादी ढांचे के साथ अपनी सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को एकीकृत करके डिजीलॉकर के उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा। पूरे सिस्टम का परीक्षण करने के अलावा, मंत्रालय 1 से 31 मई तक राष्ट्रीय खेल महासंघों के संबंधित अधिकारियों को इस बारे में प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करेगा।