केंद्र सरकार ने आरएमएस 2024-25 और खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के दौरान खरीद पर चर्चा करने के लिए राज्य खाद्य सचिवों के साथ की बैठक
नई दिल्ली,29 फरवरी। भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने बुद्धवार को नई दिल्ली में राज्यों के खाद्य सचिवों की एक बैठक आयोजित की। इस बैठक का उद्देश्य रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2024-25 और खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2023-24 में रबी फसलों की खरीद व्यवस्था पर चर्चा करना था। इस बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के डीएफपीडी सचिव ने की।
इस बैठक में खरीद को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों जैसे कि मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान, उत्पादन अनुमान और राज्यों की तैयारी की समीक्षा की गई। इसमें विचार-विमर्श के बाद आगामी आरएमएस 2024-25 के दौरान गेहूं खरीद का अनुमान 300-320 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) की सीमा में तय किया गया। इसी प्रकार केएमएस 2023-24 (रबी फसल) के दौरान धान की खरीद का अनुमान 90-100 लाख मीट्रिक टन की सीमा में तय किया गया।
वहीं, केएमएस 2023-24 (रबी फसल) के दौरान राज्यों की ओर से खरीद के लिए लगभग 6.00 लाख मीट्रिक टन मोटे अनाज/बाजरा (श्री अन्न) की मात्रा का भी अनुमान लगाया गया। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को फसलों के विविधीकरण और आहार स्वरूप में पोषण बढ़ाने के लिए मोटे अनाज की खरीद पर अपना ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई।
इसके अलावा तेलंगाना राज्य सरकार ने आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन के संबंध में अपनाई गई अच्छे अभ्यासों को साझा किया और भारत सरकार की इस पर्यावरण अनुकूल पहल के माध्यम से सालाना 16 करोड़ रुपये की बचत का उल्लेख किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने ई-पीओएस को इलेक्ट्रॉनिक वजन पैमाने के साथ जोड़ने के संबंध में सफल पहल साझा की, जिसने लाभार्थियों को उनके लिए निर्धारित मात्रा के अनुसार खाद्यान्न की आपूर्ति प्रभावी ढंग से सुनिश्चित की है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने राज्य एमएसपी खरीद अनुप्रयोगों की डिजिटल परिपक्वता पर अपना मूल्यांकन अध्ययन प्रस्तुत किया। इसके अलावा राज्य सरकारों को केएमएस 2024-25 की शुरुआत से पहले खरीद प्रणाली में पारदर्शिता व दक्षता लाने के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल के मानक और मुख्य विशेषताओं के अनुरूप अपने मौजूदा अनुप्रयोगों को अपनाने या उनमें सुधार की सलाह दी गई।
साथ ही, इस बैठक के दौरान नामित डिपो से उचित मूल्य की दुकानों तक खाद्यान्न के परिवहन के लिए आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन, खरीद केंद्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार, सर्वश्रेष्ठ पिसाई अभ्यासों व डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) पर उचित मूल्य की दुकानों को लाने से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
इस बैठक में एफसीआई के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक और राज्यों के प्रधान सचिव/सचिव (खाद्य) सहित भारतीय मौसम विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग, भारतीय कृषि सहकारी विपणन संघ और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारिता संघ लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित थे।