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दिल्ली दरबार उत्सव में गायकार ऊषा उत्थुप के गानों पर जमकर थिरके लोग,खुराफाती नीतिन की कामेडी पर जमकर लगे ठहाके।

दिल्ली दरबार उत्सव में पंजाबी गायक पदमश्री हंसराज हंस संगीत मार्तंड उस्ताद चांद खान लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित।

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के गांधी दर्शन संग्रहालय राजघाट में आयोजित तीन दिवसीय सुरों के संगम दिल्ली दरबार- 2024 में आज तीसरे दिन जहां जानी-मानी गायक पद्मभूषण ऊषा उत्थुप के गानों पर लोग जमकर थिरके। वहीं जाने-माने रेडियो जॉकी खुराफाती नीतिन की कॉमेडी पर लोगों ने जमकर ठहाके लगाये। उत्सव में पंजाबी गायक सांसद एवं पदमश्री हंसराज हंस को प्रतिष्ठित संगीत मार्तंड उस्ताद चांद खान लाईफटाईम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया।


भारत की संस्कृति प्रेम सद्भाव और शास्त्रीय संगीत को लोगों विशेष कर युवाओं में जीवंत रखने के उद्देश्य से होने वाले प्रेम,संगीत सांस्कृतिक और आध्यात्मिकता का यह उत्सव सुरसागर सोसाइटी ऑफ दिल्ली घराना द्वारा केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय दिल्ली टूरिज्म और गांधी दर्शन समिति के सहयोग से आयोजित किया गया।तीन दिन के संगीत समारोह में सूफी गायक और शास्त्रीय संगीतकारों ने लोगों को अपनी प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध किया
अजमेर ग्लोबल सूफी फाउंडेशन के संस्थापक और सूरसागर सोसाइटी ऑफ दिल्ली घराने के मुख्य संरक्षक सैयद रियाजुद्दीन चिश्ती एवं दिल्ली घराने की महासचिव वुसत इकबाल खान के मुताबिक उत्सव में आज जहां चर्चा के दौरान सूफी गायक पद्मश्री शुभा मुद्गल और पद्मभूषण ऊषा उत्थुप ने अपने जीवन में संगीत के सफर के दौरान सुहावने व खट्टे- मीठे पलों को लोगों के साथ सांझा किया वहीं अपने गानों पर लोगों को थिरकने के लिए मजबूर किया। युवा सूफी गायक रईस अनीस शाबरी की परफोरमेंस पर लोग घ्यानमगन रहे।


दिल्ली घराने के सह संस्थापक एवं कोषाध्यक्ष मोहम्मद इकबाल खान के मुताबिक उत्सव में पदमश्री पंजाबी गायक एंव सांसद श्री हंसराज हंस को लाईफटाईम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया।उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय दिल्ली दरबार 2024 संगीत उत्सव आध्यात्मिकता और प्रेम सद्भाव के अभिश्रण का अदभुत मिलन रहा।
सम्मान का महत्व: दिल्ली दरबार 2024 के दौरान संगीत मार्तंड उस्ताद चांद खान लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया जाना गहरा महत्व रखता है, जो कलात्मक उत्कृष्टता की खोज के लिए समर्पित जीवन की परिणति का प्रतीक है। यह भारतीय संगीत की स्थायी विरासत और भावी पीढ़ियों के लिए हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के महत्व की याद दिलाता है। इस प्रतिष्ठित सम्मान के माध्यम से, संगीत की दुनिया पर पद्म श्री हंसराज हंस का प्रभाव अमर हो गया है, जिसने भारतीय संगीत के क्षेत्र में रचनात्मकता और नवीनता के एक नए युग को प्रेरित किया है। संगीत की परिवर्तनकारी शक्ति और हमारे देश के सांस्कृतिक परिदृश्य पर पद्मश्री हंसराज हंस द्वारा छोडी़ सदाबहार धुनों और अटूट समर्पण आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर रहे हैं..