कोलकाता ,19फरवरी। पश्चिम बंगाल पुलिस ने संदेशखाली मामले में आरोपी टीएमसी नेताओं के खिलाफ गैंगरेप के आरोप में केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने टीएमसी नेता उत्तम सरदार, शिबाप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू हाजरा के खिलाफ IPC की धारा 376 D भी जोड़ी है.
दोनों टीएमसी नेता एसके शाहजहां के करीबी सहयोगी हैं.
कुछ दिन पहले गांव की महिलाओं की लिखित शिकायत के आधार पर संदेशखाली थाने में मामला दर्ज किया गया था. उस समय उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया था. इस मामले में उत्तम सरदार को ही स्थानीय थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. एक अन्य आरोपी शिबू हाजरा अब भी फरार है. बाद में पीड़िता के कोर्ट में धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए गए.
सूत्रों का कहना है कि बयान दर्ज कराने के दौरान पीड़िता ने दावा किया कि उसके साथ सिर्फ छेड़छाड़ ही नहीं, बल्कि गैंगरेप भी किया गया था. पीड़िता का बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को गैंगरेप की धारा जोड़ने का आदेश दिया. स्थानीय कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने टीएमसी नेता शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के खिलाफ दर्ज एफआईआर में 376डी की धारा जोड़ दी है.
बंगाल की सियासत का अखाड़ा बना संदेशखाली
बता दें कि बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट ब्लॉक में है. अब यही संदेशखाली बंगाल का नया सियासी अखाड़ा बन चुका है. संदेशखाली में महिलाओं के शोषण के खिलाफ विपक्ष आवाज बुलंद कर रहा है लेकिन ममता सरकार ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं की संदेशखाली में एंट्री पर रोक लगा दी है.
क्या हुआ था संदेशखाली में?
केंद्र सरकार का प्रतिनिधिमंडल जब संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रहा था तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. जिसके बाद पुलिस और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी समेत सभी बीजेपी सांसदों से पुलिस की जोरदार बहस हुई. ममता सरकार का आरोप है कि, जो महिलाएं टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर यौन शोषण और जमीन कब्जे के आरोप लगा रहीं हैं वो बीजेपी समर्थक या बाहरी हैं. ऐसे में महिलाओं ने अपने आधार कार्ड दिखाकर बताया कि वो स्थानीय हैं और जुल्म को सियासत की आड़ में छिपाया नहीं जा सकता.