नई दिल्ली, 14फरवरी। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत कई मांगों को लेकर किसान एक बार फिर आंदोलन पर हैं. किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं. यूपी-हरियाणा से किसानों के दिल्ली आने से रोकने के लिए सभी सीमाओं पर अभेद सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. इन सबके बीच कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को कहा कि फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी वाला कानून सभी हितधारकों से परामर्श किए बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जा सकता है. साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारी किसान समूहों से इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया.
मुंडा ने एक इंटरव्यू में प्रदर्शनकारी किसानों को कुछ तत्वों के बारे में ‘जागरूक और सतर्क’ रहने के लिए आगाह किया, जो राजनीतिक लाभ के लिए उनके विरोध प्रदर्शन को बदनाम कर सकते हैं. मुंडा उस मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा हैं, जिसने किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक), किसान मजदूर मोर्चा सहित विभिन्न किसान समूहों के साथ दो दौर की चर्चा की. हालांकि, बातचीत बेनतीजा रहने पर किसान समूहों ने मंगलवार को अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू कर दिया है. मुंडा ने कहा, ‘दो दौर की चर्चा में हम उनकी कई मांगों पर सहमत हुए, लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। बातचीत अभी भी जारी है.’
कृषि मंत्री ने किसानों के कल्याण की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, ‘हमें किसानों के हितों की परवाह है. अगर कोई इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है तो यह हमारी चिंता नहीं है. हम हमेशा बातचीत और चर्चा के लिए तैयार रहे हैं और हम इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह मुद्दा राज्य सरकारों को भी चिंतित करता है. हमें इस मुद्दे को समझने और इसे हल करने का तरीका खोजने के लिए समय चाहिए.’