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जहां-जहां पांव पड़े संतन के, तहां-तहां बंटाधार…, ये कहावत सटीक या इत्तफाक, पहले पश्चिम बंगाल, फिर बिहार और अब यूपी में I.N.D.I.A. छिन्न-भिन्न

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नई दिल्ली, 09फरवरी। जहां-जहां पांव पड़े संतन के, तहां-तहां बंटाधार…, अब ये महज इत्तफाक है या बुरा वक्त, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ये कहावत सटीक बैठती दिख रही है. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ जहां-जहां जा रही है, वहीं विपक्षी गठबंधन (I.N.D.I.A.) ध्वस्त होता दिखाई दे रहा है. राहुल की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के रास्ते में INDI Alliance का सबसे पहला और अहम राज्य पश्चिम बंगाल पड़ा. पश्चिम बंगाल में राहुल गांधी के कदम पड़ने से पहले ही सीएम ममता बनर्जी भड़क गईं और उन्होंने ‘एकला चलो’ का नारा बुलंद कर दिया. राहुल गांधी बिहार पहुंचते, उससे पहले ही सीएम नीतीश कुमार ने INDIA को ‘टाटा, बाय-बाय’ बोल दिया. अब राहुल यूपी पहुंचने वाले हैं, यहां उन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सुर भी बदल चुके हैं. वह भी INDIA से दूरी बनाते दिख रहे हैं.

जयंत चौधरी बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने यूपी में आरएलडी को चार लोकसभा सीटों का ऑफर दिया है. बीजेपी ने जो 4 सीटें आरएलडी को ऑफर की हैं, उनमें कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा शामिल हैं. वहीं समाजवादी पार्टी चाहती थी कि उसके उम्मीदवार मुजफ्फरनगर, कैराना, बिजनौर लोकसभा सीटों पर आरएलडी के सिंबल पर चुनाव लड़ें. इसके चलते आरएलडी और सपा गठबंधन में टूट के कारण बनते दिख रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो राहुल के कदम पड़ने से पहले ही यूपी में भी INDIA ब्लॉक की महफिल लुट जाएगी.

झारखंड एक अपवाद साबित हुआ. झारखंड में जेएमएम के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक की सरकार ने राहुल का स्वागत किया. हालांकि, राजनीतिक पंडितों का कहना है कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के कारण, बिना नेता के JMM कोई फैसला लेने में समर्थ नहीं है. यही वजह है कि राहुल की यात्रा में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन शामिल हुए. अब तो कांग्रेसी नेता भी मान रहे हैं कि राहुल गांधी के कारण ही ‘इंडिया’ ब्लॉक बिखर रहा है. यूपी में कांग्रेस के बड़े नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने साफ कहा है कि अब INDIA गठबंधन जैसी कोई चीज है नहीं. उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन का जैसे ही जन्म हुआ वैसे ही वह बहुत बीमारियों से ग्रस्त हो गया, ICU में चला गया और फिर वेंटिलेटर पर आ गया. बाद में नीतीश कुमार ने इसका पटना में अंतिम संस्कार कर दिया.

बता दें कि पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ही विपक्षी दलों को एकजुट किया था और INDIA ब्लॉक की नींव रखी थी. नीतीश की मेहनत को कांग्रेस ने हाईजैक कर लिया. इंडी अलायंस में जब सभी लोग नीतीश को संयोजक बनाने पर सहमत हो गए थे, तब राहुल ने ममता बनर्जी के रूप में अडंगा लगाने का काम किया था. राहुल ने तब ये कहकर बात बिगाड़ दी थी कि ममता इसके लिए सहमत नहीं है. इसी बात से नाराज होकर उन्होंने एनडीए में वापस लौट गए. इससे विपक्षी गठबंधन का पूरा गणित ही गड़बड़ा गया है.