बिहार अपडेट: NDA में नीतीश की वापसी को लेकर BJP ने कहा, ‘राजनीति में दरवाजे स्थायी रूप से बंद नहीं होते’
पटना, 27 जनवरी। बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल मची हुई है. दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलने वाले हैं. खबर है नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर फिर BJP नीत NDA का दामन थामने जा रहे हैं. सूत्रों के हवाले से तो खबर यह भी है कि 28 जनवरी को नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और इसी दिन BJP के समर्थन से शपथ भी लेंगे. हालांकि अब तक ये सिर्फ कयास ही हैं और इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी के इसे लेकर बड़ा हिंट दिया गया है. भारतीय जनता पार्टी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजनीति में किसी के लिए दरवाजे कभी भी स्थायी रूप से बंद नहीं होते हैं.
अब तक आधिकारिक ऐलान नहीं
उनकी यह टिप्पणी इन संकेतों के बीच आई है कि ‘INDIA’ गठबंधन के सहयोगियों के साथ समीकरण खराब होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व सहयोगी भाजपा नीत खेमे में लौट सकते हैं. BJP और JDU दोनों दलों के सूत्रों ने ऐसी संभावना जतायी है, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि अपनी पार्टी के निर्विवाद नेता नीतीश कुमार ने BJP के शीर्ष नेताओं के साथ किसी समझौते को अंतिम रूप दिया है या नहीं. सुशील मोदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘जहां तक नीतीश कुमार या JDU का सवाल है, राजनीति में दरवाजे कभी भी स्थायी तौर पर बंद नहीं होते हैं. समय आने पर बंद दरवाजे खुलते हैं, लेकिन दरवाजे खुलेंगे या नहीं, यह हमारे केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है.’
साल 2022 में BJP से हुए थे अलग
नीतीश कुमार ने साल 2022 में भाजपा से अपना नाता तोड़ने के बाद, भाजपा के नेतागण कहते रहे हैं कि कुमार के लिए उनकी पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं, लेकिन हाल में भाजपा नेताओं के बयानों में नरमी दिख रही है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकारों में सुशील मोदी लंबे समय तक उपमुख्यमंत्री रहे, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा-JDU गठबंधन के सत्ता में आने पर उन्हें उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था. सुशील मोदी इस बार BJP के शीर्ष नेताओं की बातचीत में शामिल रहे हैं, जो संकेत है कि अगर दोनों दल फिर से एक साथ आते हैं तो अनुभवी सुशील मोदी को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
सहयोगियों से संपर्क में BJP
सूत्रों ने बताया कि BJP राज्य के घटनाक्रम को लेकर चिराग पासवान और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित बिहार में अपने सहयोगियों के संपर्क में है, लेकिन उन्हें नीतीश कुमार की वापसी की संभावना के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. एक सहयोगी ने कहा कि BJP ने इसे खारिज नहीं किया है और न ही स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि नीतीश कुमार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापसी के लिए जमीन तैयार की जा रही है.’ भाजपा सूत्रों ने कहा कि JDU के उनके गठबंधन में शामिल होने से यह सुनिश्चित होगा कि राजग बिहार में लोकसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करेगा.
साल 2019 के आम चुनाव में राजग ने बिहार की 40 में से 39 सीट पर जीत हासिल की थी. इस बीच, बिहार में BJP नेताओं का एक वर्ग नीतीश कुमार के साथ गठबंधन के लिए उत्सुक नहीं है. ऐसे नेताओं का दावा है कि मुख्यमंत्री का प्रभाव कम हो रहा है और उनकी ‘घटती विश्वसनीयता’ भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी.