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केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भोपाल में राज्य खनन मंत्रियों के दूसरे सम्मेलन का किया उद्घाटन

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नई दिल्ली, 24 जनवरी। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भोपाल, मध्य प्रदेश में राज्य खनन मंत्रियों के दूसरे सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन भारत के खनिज क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने और देश में सतत खनन को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और अन्य राज्यों के कई खान मंत्रियों ने भी इस सम्मेलन की शोभा बढ़ाई। खान और कोयला मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ-साथ 28 राज्यों के 80 से अधिक सचिव स्तर के अधिकारियों, प्रधान सचिवों/विशेष सचिवों (खान) और खान महाप्रबंधकों (डीजीएम)/उप महाप्रबंधकों (डीएमजी) ने भाग लिया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आत्मनिर्भर खनन क्षेत्र पर बल दिया। उन्होंने कहा, खान मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए सुधारों से खनन क्षेत्र मजबूत होगा और साथ ही यह देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान देगा। हाल के सुधारों से खनन क्षेत्र में व्यापार करने में सुगमता हुई है। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि हरित ऊर्जा में बदलाव का समर्थन करने के लिए, पिछले महीने मंत्रालय ने 20 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों को नीलामी के लिए रखा है। यह न केवल ऊर्जा परिवर्तन का समर्थन करेगा बल्कि राज्य सरकारों के लिए अधिक राजस्व अर्जित करने के अवसर भी पैदा करेगा। उन्होंने आगे कहा कि ब्लॉकों की नीलामी में सहायता के लिए खनिज ब्लॉकों की खोज की सुविधा प्रदान की गई है और खनिजों का उत्पादन बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र को और अधिक प्रगतिशील बनाया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि खान मंत्रालय द्वारा खनन क्षेत्र में किये गये सुधारों और पहलों से मध्य प्रदेश सहित सभी राज्यों को लाभ होगा। हमारे समृद्ध भूमिगत संसाधनों में अनेक संभावनाएं छिपी हैं, इन सुधारों के क्रियान्वयन और नवाचारों को अपनाने से राज्य आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि खनन प्रक्रिया में लागू पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली से खनन क्षेत्र की विश्वसनीयता और बढ़ेगी।

केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने सम्मेलन के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी “खनन से आगे (बियॉन्ड माइनिंग)” का भी दौरा किया। केंद्रीय मंत्री ने एचसीएल के स्टॉल का दौरा किया, जहां उन्हें बताया गया कि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल )ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 99.99% शुद्धता की 70,000 तांबे की पट्टियां और 775 तांबे की तार की छड़ें प्रदान की हैं। राम मंदिर निर्माण में चट्टानों को जोड़ने के लिए पट्टियों और तार की छड़ों दोनों का उपयोग किया गया है। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (एनआईआरएम) के स्टॉल का भी दौरा किया जहां यह दिखाया गया कि एनआईआरएम अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में उपयोग किए गए पत्थरों के गुणवत्ता निरीक्षण में शामिल था।

खनिज उत्खनन और प्रसंस्करण पर बढ़ते ध्यान (फोकस) के साथ, खान मंत्रालय नीलामी के लिए अधिक खनिज ब्लॉक राज्य सरकारों को सौंपने का प्रयास कर रहा है। इस संबंध में खान मंत्री ने राज्य सरकारों को कुल 87 खनिज अन्वेषण रिपोर्ट सौंपी, जिसमें 50 जी2/जी3 रिपोर्ट और 37 जी4 भूवैज्ञानिक ज्ञापन शामिल हैं। अन्वेषण लाइसेंस (एक्सप्लोरेशन लाइसेंस-ईएल) व्यवस्था को लागू करने के लिए नियमों की अधिसूचना को जारी किया गया और उसके साथ ही ईएल नीलामी प्रक्रिया शुरू करने के लिए राज्य सरकारों को सौंपे जाने वाले 20 खनिज ब्लॉकों को अंतिम रूप दिया गया। नीलामी के लिए तेरह अपतटीय (ऑफशोर) खनिज ब्लॉक रिपोर्ट भी सौंपी गईं। अन्य 16 भारी खनिज ब्लॉक परमाणु ऊर्जा विभाग को और पांच निर्माण रेत ब्लॉक प्रशासन प्राधिकरण को सौंप दिए गए। साथ ही नई अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों को मान्यता प्रमाणपत्र सौंपे गए।

प्रल्हाद जोशी ने औसत बिक्री मूल्य (एवरेज सेल्स प्राइस- एएसपी) मॉड्यूल जारी किया जो कि एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहां जमा किए गए विवरण (रिटर्न) का वास्तविक समय (रियल टाइम) डेटा स्वचालित रूप से रिटर्न मॉड्यूल (ibmreturns.gov.in) से प्राप्त किया जाता है। कुल मिलाकर यह प्रणाली व्यवसाय करने में सुगमता प्रदान करती है और एएसपी उत्पन्न करने में लगने वाले समय को कम करती है। अब पिछले माह की एएसपी अगले माह में ही जारी हो सकती है। मंत्री ने खदानों के तारांकित श्रेणीकरण (स्टार रेटिंग) के लिए एक नया खाका (टेम्पलेट) भी जारी किया, जो उद्योग के प्रत्युत्तर और पिछले वर्षों के अनुभव पर आधारित एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, वर्ष 2023-24 से सभी खदानों के लिए सामान्य स्टार रेटिंग टेम्पलेट के स्थान पर छोटी खदानों और बड़ी खदानों के लिए अलग से नए स्टार रेटिंग टेम्पलेट्स तैयार किए गए हैं।

वर्ष 2015 से नीलामी की नई व्यवस्था के साथ, वर्ष 2022-23 की नीलामी में राज्य सरकार के प्रयासों को मान्यता देते हुए, मध्य प्रदेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और आज केंद्रीय मंत्री से सराहना का पुरस्कार प्राप्त किया। राज्य के खनन मंत्रियों और छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के प्रतिनिधिमंडलों को भी केंद्रीय मंत्री से सराहना का पुरस्कार मिला है।

जिला खनिज संगठन (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन-डीएमएफ) टिकाऊ खनन के बढ़ते ध्यान केन्द्रण (फोकस) के साथ खनन क्षेत्रों के लिए एक जीवन रेखा है। सम्मेलन के दौरान मंत्री महोदय द्वारा डीएमएफ की गतिविधियों को प्रदर्शित करती हुई एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक में खनन से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के कल्याण, विकास और आजीविका सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप की 40 कहानियाँ शामिल हैं।

नई पहलों और नीतिगत दृष्टिकोणों के आदान-प्रदान पर विचार-विमर्श करने के लिए सम्मेलन के दौरान तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा खनन क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुभवों को साझा करने के बारे में था। झारखंड प्रतिनिधि ने अपनी एकीकृत खान और खनिज प्रबंधन नीति के बारे में जानकारी दी। गुजरात ने खनन सुधारों में नवाचार पर अपना अनुभव प्रस्तुत किया, जबकि कर्नाटक ने अपनी ड्रोन सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। मध्य प्रदेश ने अपनी नई शुरू की गई रेत नीति पर प्रकाश डाला। ओडिशा ने अपना आई3एमएस अनुप्रयोग (एप्लिकेशन) प्रस्तुत करते हुए डिजिटलीकरण पर बल दिया।

दूसरा सत्र 2023 के खनन सुधारों पर था, अन्वेषण अनुज्ञापत्र (लाइसेंस), महत्वपूर्ण खनिज और अपतटीय (ऑफशोर) खनन और महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण से हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने और स्वच्छ ऊर्जा भविष्य में हमारे संक्रमण का समर्थन करने में सहायता मिल सकेगी। महत्वपूर्ण सम्मेलन का अंतिम सत्र राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट-एनएमईटी) पर था, जिसे अन्वेषण वित्तपोषण के लिए 2015 में स्थापित किया गया था।