नई दिल्ली, 24जनवरी। सोमवार यानि 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोचारण के साथ अयोध्या में बने भव्य मंदिर के गर्भगृह के अंदर रामलला के दिव्य प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई. इस खास पल को न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में धूमधाम के साथ मनाया गया. प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से राम भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है, अयोध्या में दर्शनार्थियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. इस बीच खबर आई है कि मंदिर में रामलला की जिस मूर्ति को प्रतिष्ठित किया गया है, उसे अब ‘बालक राम’ के नाम से जाना जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें भगवान को 5 साल के लड़के के रूप में दर्शाया गया है.
पीएम मोदी की मौजूदगी में हुआ प्राण-प्रतिष्ठा समारोह
बता दें मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की उपस्थिति में एक भव्य समारोह में की गई. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक नए युग के आगमन का प्रतीक है. रामलला की पुरानी मूर्ति, जो पहले एक अस्थायी मंदिर में रखी गई थी. उसे अब नयी मूर्ति के सामने रखा गया है. लाखों लोगों ने अपने घरों और पड़ोस के मंदिरों में टेलीविजन पर ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ (अभिषेक) समारोह को देखा.
मूर्ति के लिए बनाए गए आभूषणों पर भी हुई थी रिसर्च
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, विग्रह के लिए आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं. रामलला ने बनारसी वस्त्र धारण किए हैं जिसमें एक पीली धोती और एक लाल ‘अंगवस्त्रम’ है. ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से तैयार किया गया है जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक ‘शंख’, ‘पद्म’, ‘चक्र’ और ‘मयूर’ शामिल हैं.
मंदिर में किस कलाकार की मूर्ति हुई प्रतिष्ठित
ट्रस्ट के मुताबिक, आभूषण अंकुर आनंद के लखनऊ स्थित हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स द्वारा तैयार किए गए हैं, वहीं परिधान दिल्ली स्थित कपड़ा डिजाइनर मनीष त्रिपाठी द्वारा तैयार किए गए हैं. ट्रस्ट ने बताया कि मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई 51 इंच की इस मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है. मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि तीनों में से एक को गर्भगृह में रखा गया, जबकि अन्य दो को मंदिर के अन्य हिस्सों में रखा जाएगा.