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पीएम मोदी को जितना कठोर व्रत करने को कहा गया था, उन्होंने उससे ज्यादा कठोर व्रत किया: मोहन भागवत

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अयोध्या,22 जनवरी। अयोध्या में श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान पूरा हो चुका है और श्रीराम लला के प्रथम दर्शन हो गए हैं। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह में मोदी पहुंचे और उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा पूजा के लिए संकल्प लिया। फिर पूजा शुरू की। पीएम ने ही रामलला की आंख से पट्टी खोली और कमल का फूल लेकर पूजन किया। प्राण प्रतिष्ठा की विधि दोपहर 12:20 बजे से शुरू हुई। मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में संपन्न हुई। ये मुहूर्त काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला था, यह कार्यक्रम पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में संपन्न हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्वर लौटकर आया है। पूरे विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला नया भारत खड़ा होकर रहेगा। आज का कार्यक्रम इसका प्रतीक है। जोश की बातों में होश की बातें करने का काम मुझे सौंपा जाता है। पीएम मोदी को जितना कठोर व्रत करने को कहा गया था, उन्होंने उससे ज्यादा कठोर व्रत किया। वे तपस्वी हैं।

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “आज 500 वर्षों बाद राम लला यहां लौटे हैं और जिनके प्रयासों से हम आज का यह स्वर्ण दिन देख रहे हैं उन्हें हम कोटि-कोटि नमन करते हैं। इस युग में राम लला के यहां वापस आने का इतिहास जो कोई भी श्रवण करेगा उसके सारे दुख-दर्द मिट जाएंगे, इतना इस इतिहास में सामर्थ्य है।”